देश से होने वाले निर्यात पर पिछले वित्त वर्ष के दौरान उम्मीदों के मुताबिक मंदी का असर नजर आया, जिसकी वजह से इसके आंकड़े लक्ष्य से कम ही रहे।
लेकिन दूसरे देशों के उलट वित्त वर्ष 2007-08 के मुकाबले पिछले वर्ष के दौरान निर्यात में लगभग 3.44 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। हालांकि मार्च महीने के लिए निर्यात के आंकड़े अभी नहीं आए हैं, लेकिन वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 5 महीने से इस मामले में निराशा का जो आलम था, वह मार्च में और भी गहरा गया।
मार्च में निर्यात में 30 फीसदी कमी आई और यह आंकड़ा 1,200 करोड़ डॉलर ही रह गया। दुनिया भर में मांग में कमी के कारण यह सिलसिला चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी रहने के आसार हैं।
मार्च के महीने में अमेरिका और यूरोप से मांग खासी कम रही, जहां देश से कुल 35 फीसदी निर्यात होता है। हालांकि इसके आधिकारिक आंकड़े 1 मई को ही जारी होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि किसी भी साल में मार्च महीने के ये सबसे कम निर्यात आंकड़े होंगे।
इस वजह से पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से कुल निर्यात 16,860 करोड़ डॉलर रहा। दिलचस्प है कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह आंकड़ा 3.44 फीसदी ज्यादा है। यह जरूर है कि इस मामले में देश लक्ष्य से पिछड़ गया क्योंकि उस वित्त वर्ष में मंत्रालय ने 1,7500 करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था।
2001-02 के बाद से निर्यात में यह सबसे कम वार्षिक वृद्धि होगी। उस वर्ष में निर्यात 2000-01 के मुकाबले 1.6 फीसदी घटा था।