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निर्यात पहुंचा 37.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर

Last Updated- December 11, 2022 | 10:05 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात दिसंबर में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 40 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 37.81 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसकी वजह भारत के उत्पादों का निर्यात बाजार में तेज मांग लगातार बने रहना है।अगर पिछले महीने से तुलना करें तो निर्यात में करीब 29 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायनों, दवाओं व फार्मास्यूटिकल्स की मांग निर्यातित वस्तुओं में शीर्ष पर बनी हुई है।
अगर कुल मिलाकर देखें तो अप्रैल से दिसंबर तक भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 301 अरब डॉलर से ज्यादा रहा है और वित्त वर्ष 22 के पहले 9 महीने में साल के 400 अरब डॉलर निर्यात के लक्ष्य का तीन चौथाई लक्ष्य हासिल हो चुका है। यह आंकड़ा 2020-21 में हुए कुल निर्यात के लक्ष्य को पार कर चुका है, जो 290 अरब डॉलर था।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि अगर मौजूदा धारणा को देखें तो भारत चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर वाणिज्यिक निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने की ओर है। शक्तिवेल ने कहा, ‘शानदार निर्यात वृद्धि के साथ पर्याप्त ऑर्डर होने से भारत के निर्यात को अगले वित्त वर्ष में भी गति देने में मदद मिलेगी और वित्त वर्ष 2022-23 में 525 से 530 अरब डॉलर का लक्ष्य हो सकता है। बहरहाल आयात इस महीने के दौरान बढ़कर 59.48 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें 38.55 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। यह चिंता का विषय है और इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए।’
भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं के आयात में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर में देश का आयात 59.48 अरब डॉलर रहा है, जो पिछले साल दिसंबर में हुए आयात की तुलना में 38.5 प्रतिशत ज्यादा है। परिणामस्वरूप भारत 21.68 अरब डॉलर के व्यापार घाटे के साथ शुद्ध आयातक बन गया है। पिछले साल व्यापार घाटा 12.62 प्रतिशत था।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर में वाणिज्यिक व्यापार घाटा उस स्तर पर पहुंच गया है, जो सितंबर और नवंबर में था। क्रिसमस के सीजन में गैर तेल, गैर स्वर्ण आयात बहुत तेजी से बढ़ा है।
नायर ने कहा, ‘दिसंबर 2021 में गैर तेल, गैर कीमती सामान के आयात में तेजी रही है। इसमें प्रमुख रूप से इलेक्ट्रॉनिक सामान, उर्वरक, रसायन और कोयला शामिल है, जिसमें पिछले साल की तुलना में 1 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।’ उनके मुताबिक तीसरी लहर के असर से सोने की मांग घट सकती है, जिससे व्यापार घाटा घटकर 21.7 अरब डॉलर के औसत पर आ सकता है।
गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण का निर्यात प्रमुख निर्यात में शामिल है, जो सालाना 30 प्रतिशत बढ़कर 28.93 अरब डॉलर हो गया है। ऐसी वस्तुओं के आयात में दिसंबर में 34 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है और यह 35.47 अरब डॉलर हो गया है।

चीन का व्यापार अधिशेष 2021 में रिकॉर्ड 676.4 अरब डॉलर पर पहुंचा
चीन का वैश्विक व्यापार अधिशेष 2021 में बढ़कर 676.4 अरब डॉलर हो गया। यह किसी भी देश द्वारा इसमें दर्ज की गई संभवत: सबसे अधिक वृद्धि है। सेमीकंडक्टर की कमी के कारण विनिर्माण बाधित होने के बावजूद निर्यात में 29.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। शुक्रवार को जारी सीमा शुल्क के आंकड़ों के अनुसार देश में बीते दिसंबर माह में, एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले व्यापार अधिशेष 20.8 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 94.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया।     स्मार्टफोन के लिए प्रोसेसर चिप तथा अन्य उत्पादों की कमी के बावजूद 2021 में निर्यात बढ़कर 3300 अरब डॉलर पहुंच गया। अमेरिका के साथ यह अधिशेष एक वर्ष पहले के मुकाबले 2021 में 25.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 396.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया।  चीन का आयात 2021 में 30.1 फीसदी के इजाफे के साथ 2700 अरब डॉलर हो गया।     भाषा

First Published - January 14, 2022 | 11:30 PM IST

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