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भारत में तेजी से बढ़ेगा एफडीआई

Last Updated- December 07, 2022 | 7:02 AM IST

केपीएमजी इंटरनेशनल ने अपने सर्वे में कहा है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश् (एफडीआई) दुनिया के किसी और देश की तुलना में अधिक तेजगति से बढ़ेगा।


साथ ही आने वाले पांच सालों में बुनियादी क्षेत्र में निवेश पाने वाले देशों की सूची में वह चोटी पर शुमार होगा। यह सर्वे 15 प्रमुख इकनामी की 300 बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कार्पोरेट निवेश रणनीति है जो इसमें शामिल थीं।

इस सर्वे के अनुसार अब निवेश अमेरिका,जापान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात से शिफ्ट होकर ब्राजील,रूस,चीन और भारत(बीआरआईसी) आदि देशों में जाएगा। केपीएमजी इंडिया के सीईओ रसेल परेरा ने कहा कि अब निवेश ग्लोबल हो गया है और स्मार्ट मनी यूरोप और अमेरिका के अपने परंपरागत बाजारों से बीआरआईसी की ओर जा रहा है।

भारत में व्याप्त अवसरों को इस बात से समझा जा सकता है कि वहां अगले पांच सालों में पहली बार बड़ी मात्रा में निवेश होगा। परेरा ने कहा कि मध्य-पूर्व  भारतीय निवेश का बढ़ना प्राथमिकता और तेल की कीमतें बढ़ने के बाद बने अवसरों को भुनाने की मंशा का परिणाम है। भारत को निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण को बरकरार रखना होगा।

केपीएमजी इंडिया के हेड, टेक्स व रेग्यूलेटरी सर्विस सुधीर कापड़िया ने कहा कि यह सर्वे अगले पांच सालों में केपिटल फ्लो के अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों से बीआरआईसी में शिफ्ट होने का संकेत है।

यहां सबसे अहम यह है कि सर्वे में शामिल 10 फीसदी कंपनियों के अभी ही भारत में निवेश करने की उम्मीद है। पांच सालों में यह बढ़कर 18 फीसदी हो जाएगा। यह बीआरआईसी देशों में सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक प्रॉडक्ट और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को तुलनात्मक दृष्टि से अधिक निवेश मिलेगा। इसमें 64 फीसदी निवेश भारत को पहली बार मिलेगा।

First Published - June 23, 2008 | 10:05 PM IST

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