बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ के पहले संस्करण में अपने मुख्य भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार अपने ‘तीसरे कार्यकाल’ में भी सुधारों पर जोर देती रहेगी क्योंकि विकास के तय लक्ष्य हासिल करने के लिए स्थिर और अपेक्षित आर्थिक माहौल और कराधान व्यवस्था में निरंतरता जरूरी है। ऊंचे करों के मसले पर उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत पीछे धकेलने वाला कदम नहीं है बल्कि सोच-समझकर उठाया गया है।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन अपने संबोधन के बाद बातचीत में सीतारमण ने तमाम मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह भरपूर राजस्व संग्रह और दूरअंदेशी के साथ किए गए खर्च ने राजकोषीय घाटे को काबू रखने में मदद की है और 2014 की दोहरी बैलेंस शीट की समस्या से उबरकर अब भारत उसी दोहरी बैलेंस शीट का फायदा उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों में केंद्र और राज्य के बीच मतभेद राजनीतिक के कारण नहीं होने चाहिए। अपने संबोधन से पहले सीतारमण ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के 50 साल के लोगो का भी अनावरण किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत ‘उत्पादक राष्ट्र’ बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण के तहत हम भारत और दुनिया के लिए एक परिवेश तैयार करेंगे। भारत जल्द ही कई तरह के उत्पाद बनाने लगेगा और इनमें से कई उत्पाद तकनीकी क्षेत्र से संबंधित होंगे।’आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के संभावित तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी पिछले 10 वर्षों की शानदार विरासत रही है और अगले 25 वर्षों की रूपरेखा तैयार है।’
भारत को विनिर्माण या सेवा में से किसा क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि विनिर्माण एवं सेवा दोनों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
पेंसिल्वानिया स्टेट यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री रोहित लांबा ने भी कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सेवा और विनिर्माण का सही मेल आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें नए तरीके से सोचने की जरूरत है।
फाइनैंशियल टाइम्स में मुख्य आर्थिक टिप्पणीकार मार्टिन वुल्फ ने लंदन से वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने समृद्ध पूंजीवादी लोकतंत्र के पक्ष में बातें की। जीक्वांट इन्वेस्टेक के संस्थापक शंकर शर्मा ने कहा कि बाजार इस बात की परवाह नहीं करता कि देश की सत्ता किसके हाथ में है। बाजार अपना रास्ता खुद तलाश लेता है। उन्होंने निवेशकों को पूंजी बाजार निवेश करते वक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में एमडी इरीना घोष ने कहा कि 2023 एआई के उदय का साल रहा तो 2024 में एआई का व्यापक स्तर पर विकास देखा जाएगा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान बिज़नेस स्टैंडर्ड के पूर्व संपादक एवं प्रकाशक टी एन नाइनन तथा बोर्ड की निदेशक अकिला उरणकर ने अखबार के प्रकाशन के पांच दशक के सफर और उसके पीछे की सोच को याद किया।