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राजकोषीय घाटा रहा 6.7 प्रतिशत

Last Updated- December 11, 2022 | 6:32 PM IST

अधिक कर राजस्व और नियंत्रित पूंजीगत व्यय की वजह से वित्त वर्ष 22 में केंद्र का राजकोषीय घाटा 15.86 लाख करोड़ रुपये या 15.91 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों के 99.7 प्रतिशत स्तर पर रहा। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा आज जारी किए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटा 6.9 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में 6.7 प्रतिशत रहा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 1 फरवरी को बजट पेश करते समय अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रहेगा। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 प्रतिशत रहा। वित्त वर्ष में कर प्राप्तियां 18.2 लाख करोड़ रुपये रहीं जबकि इसका संशोधित अनुमान 17.65 लाख करोड़ रुपये का था।
कुल व्यय भी 37.7 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक 37.94 लाख करोड़ रुपये रहा। सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2022 में राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 4.5 प्रतिशत रहा। एक साल पहले अप्रैल 2021 में राजकोषीय घाटा 5.2 प्रतिशत रहा था। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
अप्रैल के महीने में 591 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष देखा गया। सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई बाजार से उधारी जुटाकर करती है। इन आंकड़ों पर टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के साझेदार विवेक जालान ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व संग्रह 22 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से करीब पांच लाख करोड़ रुपये अधिक रहा। यह वर्ष 2020-21 के राजस्व संग्रह से करीब 35 प्रतिशत अधिक है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि राजस्व संग्रह बेहतर होने और कम पूंजीगत व्यय के कारण केंद्र का राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमान से बेहतर रहा है। वर्ष 2022-23 के परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 16.6 लाख करोड़ रुपये पर सीमित रखने की राह में कई जोखिम हैं। उत्पाद शुल्क में कटौती, रिजर्व बैंक से मिलने वाले अधिशेष में कमी और खाद्य, उर्वरक एवं एलपीजी सब्सिडी पर बोझ बढ़ने जैसी चुनौतियां मौजूद हैं।

First Published - June 1, 2022 | 1:47 AM IST

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