वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा बजट में पेश घाटे का लक्ष्य ज्यादा है और मध्यावधि के हिसाब से समेकन उम्मीद की तुलना में ज्यादा धीमी होगी। फिच ने जून 2020 में भारत को नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीबीबी माइनस रेटिंग में रखा था, जो वृद्धि पर महामारी के पडऩे वाले असर और ज्यादा सार्वजनिक ऋण के बोझ को देखते हुए किया गया। सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य व बेहतरी के वित्तीय समर्थन को प्राथमिकता दी और आर्थिक रिकवरी चल रही है। बहरहाल राजकोषीय संभावनाएं सीमित हैं। भारत का सार्वजनिक ऋण अनुपात बढ़ा है। बजट में कम अवधि के हिसाब से वित्त वर्ष 21 में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 22 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। एजेंसी की ओर से पहले लगाए गए अनुमान की तुलना में समेकन की रफ्तार ज्यादा रही है। फिच ने कहा है, ‘हमारा विचार है कि बजट के आर्थिक और राजस्व संबंधी अनुमान व्यापक रूप से विश्वसनीय हैं। विनिवेश राजस्व का लक्ष्य बड़ा है, जो वित्त वर्ष 20 में हासिल किए गए लक्ष्य की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।’