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बिजली उत्पादन के साथ माल ढुलाई बढ़ी

Last Updated- December 14, 2022 | 11:02 PM IST

अक्टूबर में अनलॉक प्रक्रिया जारी रहने से आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख संकेतकों ने आगे और मजबूती आने के संकेत दिए हैं। अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के प्रयासों के बीच पहले के मुकाबले और ज्यादा बिजली उत्पादन किया जा रहा है तथा ट्रेन और ज्यादा माल ढुलाई कर रही हैं। मार्च में वैश्विक महामारी कोविड-19 को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद गतिविधियां थम गई थीं।
विस्तृत गतिविधियों पर नजर रखने वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जैसे व्यापक आर्थिक संकेतकों को कुछ अंतराल के बाद जारी किया जाता है। जमीनी स्तर पर और ज्यादा स्पष्ट स्थिति जानने के लिए वैश्विक स्तर पर विश्लेषक अधिक आवृत्ति वाले संकेतकों का उपयोग कर रहे हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड साप्ताहिक संकेतकों पर नजर रखता है जिनमें बिजली और माल ढुलाई के अलावा यातायात, प्रदूषण स्तर और सर्च इंजन गूगल के स्थिति बताने वाले आंकड़े शामिल हैं। गूगल के आंकड़े 27 सितंबर तक के हैं क्योंकि इन्हें कुछ अंतराल के बाद जारी किया जाता है। माल ढुलाई के आंकड़े शनिवार 3 अक्टूबर तक तथा बिजली, प्रदूषण और यातायात के आंकड़े रविवार 4 अक्टूबर तक के हैं।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अब बिजली उत्पादन वर्ष 2019 की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत अधिक है। ये आंकड़े सात दिन के औसत पर आधारित हैं। वर्ष 2019 के मुकाबले बिजली उत्पादन में लगातार 27 दिनों से अधिकता बनी हुई है। ट्रेनों से होने वाली माल ढुलाई एक अन्य ऐसा संकेतक है जिसमें इजाफा हो रहा है।
अनलॉकिंग प्रक्रिया जारी रहने से भारतीय रेलवे काफी ज्यादा गतिविधि के संकेत दे रही है। पिछले वर्ष की तुलना में अब माल ढुलाई की मात्रा 23.5 प्रतिशत अधिक है। इससे होने वाली आय में भी इसी के अनुसार इजाफा हुआ है।
स्थिति की जानकारी देने वाली वैश्विक प्रौद्योगिकी फर्म टॉम टॉम इंटरनैशनल के यातायात संबंधी भीड़भाड़ के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली का यातायात वर्ष 2019 के इसी सप्ताह की तुलना में करीब 29 प्रतिशत कम रहा है। यह पिछले कुछेक सप्ताह के दौरान नजर आए स्तर के समान है। मुंबई की भीड़भाड़ में कमी नजर आई है। वर्ष 2019 के मुकाबले यह 40 प्रतिशत कम है। पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें गिरावट का संकेत मिल रहा है। तब भीड़भाड़ पिछले साल की तुलना में केवल 33 प्रतिशत कम थी। उत्सर्जन के स्तर पर भी गतिविधियों में अंतर दिखाई देता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर पर नजर रखता है जो औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के कारण उत्सर्जित होती है। बांद्रा इलाके के आंकड़ों के आधार पर मुंबई में यह 92 प्रतिशत कम है, जबकि दिल्ली में यह वर्ष 2019 की तुलना में 36 प्रतिशत से भी अधिक है। इससे इन दोनों महानगरों के बीच गतिविधियों के स्तर में अंतर का पता चलता है।
गूगल की आवागमन की रिपोर्ट बताती है कि कार्यस्थल की यात्रा स्थिर है। इससे यह भी पता चलता है कि लोग घर पर ज्यादा समय बिता रहे हैं।

First Published - October 6, 2020 | 11:04 PM IST

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