मंदी की वजह से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विकास की हालत और भी पतली होने के आसार हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 7.1 फीसदी रह सकती है।
इससे पहले जीडीपी की विकास दर 7.7 फीसदी अनुमानित की गई थी। परिषद का कहना है कि दुनिया भर में छाई आर्थिक मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। परिषद का कहना है कि वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान भी जीडीपी दर 7 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान जीडीपी दर 9 फीसदी रही थी। महंगाई के बारे में परिषद का कहना है कि यह घटकर 4 फीसदी तक आ सकती है।
परिषद ने निवेश की दर भी पिछले वित्त वर्ष से 2.5 फीसदी कम करके आंकी है। परिषद के अनुसार देश में निवेश की दर 35 फीसदी रह सकती है।