सरकार एक नया मैकैनिज्म शुरू करने की योजना बना रही है, जिसके तहत आर्थिक अपराधों की आरोपी कंपनियों और व्यक्तियों को एक “यूनिक कोड” सौंपा जाएगा, जो उनके PAN या आधार से जुड़ा होगा। कोड अल्फा-न्यूमेरिक, सिस्टम-जेनरेट होगा, कहने का मतलब है कि इसमें अंग्रेजी के अक्षर और अंक होंगे।
इस तरह से जैसे ही कोई पुलिस यूनिट या केंद्रीय जांच एजेंसी आरोपी से संबंधित डेटा को राष्ट्रीय आर्थिक अपराध रिकॉर्ड (एनईओआर) में डालेगी, ये कोड खुद ही सिस्टम से जनरेट हो जाएंगे। अभी इस सिस्टम पर काम शुरू होना है, ऐसे में राष्ट्रीय आर्थिक अपराध रिकॉर्ड एजेंसी के काम शुरू करते ही यह नया सिस्टम अपराधियों की नकेल कसने लगेगा।
यह कदम आरोपी फर्मों या व्यक्तियों के खिलाफ जांच को तेजी से शुरू करने में मदद करेगा, क्योंकि मौजूदा तंत्र में जांच शुरू करने के लिए एजेंसी को चार्जशीट दाखिल करने या अभियोजन पक्ष की शिकायत को साझा करने तक इंतजार करना पड़ता है। कोड को ‘यूनिक इकोनॉमिक ऑफेंडर कोड’ का नाम दिया जाएगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगर आरोपी एक व्यक्ति है, तो यह कोड उसके आधार नंबर से जुड़ जाएगा और अगर कंपनी है तो उसके PAN के साथ जुड़ जाएगा।