निजी क्षेत्र द्वारा संचालित 4 हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंंगलूरु में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इनमें हिस्सेदारी का संभावित मूल्यांकन 10,000 करोड़ रुपये है। इन 4 हवाईअड्डों में हिस्सेदारी बेचने के साथ सरकार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के 25 अन्य हवाईअड्डोंं का भी मुद्रीकरण करेगी। इनमेंं चेन्नई और कोझीकोड के हवाईअड्डे शामिल हैं। इन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को घोषित संपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन का हिस्सा बनाया गया है।
एएआई के 25 हवाईअड्डों के मुद्रीकरण का मूल्य 10,782 करोड़ रुपये है, जो हवाईअड्डों पर पूंजीगत व्यय के आधार पर अनुमानित है। यह मुद्रीकरण अगले 4 साल में होना है। मुंबई और दिल्ली हवाईअड्डों में सरकार की 26 प्रतिशत और हैदराबाद व बेंगलूरु हवाईअड्डों में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन हवाईअड्डों में सरकार के हिस्से के मूल्यांकन के लिए बाजार का तरीका अपनाया गया है और यह हाल के बाजार लेन-देन के सांकेतिक मूल्य के हिसाब से किया गया है।
नीति आयोग के दस्तावेज में कहा गया है, ‘संयुक्त उद्यम हवाईअड्डों में एएआई की हिस्सेदारी का मूल्यांकन सांकेतिक उच्च स्तर पर है और वास्तविक मूल्य की खोज बाजार लेन-देन के वक्त की जाएगी। वास्तविक कीमत विभिन्न कारकों जैसे लेनदेन के वक्त, बाजार की स्थिति, निवेशकों की रुचि और लेनदेन की शर्तों पर निर्भर होगी।’