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सरकार करेगी अब बैंकों में निवेश

Last Updated- December 10, 2022 | 12:45 AM IST

कें द्र सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाले तीन बैंकों में मार्च 2010 के अंत तक 3,800 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। इस निवेश के जरिए सरकार की हिस्सेदारी इन बैंकों में बढ़ जाएगी।
बुधवार को गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कै बिनेट की बैठक के बाद कहा कि कैबिनेट ने यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और विजया बैंक में पूंजी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

चिंदबरम ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘आज पूंजी बाजार में प्रवेश करना एक व्यावहारिक विकल्प नहीं है। पूंजी की जरूरत सबसे ज्यादा है इसलिए हमने पूंजी लगाने का फैसला किया है।’
उन्होंने बताया कि पूंजी देने का काम दो चरणों में किया जाएगा। यूको बैंक को 1,200 करोड़ रुपये मिलेंगे जिसमें से चालू वित्त वर्ष के दौरान 450 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जबकि अगले वित्त वर्ष में 750 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 1,400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जिसमें से चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में भी 700-700 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। जबकि विजया बैंक को चालू वित्त वर्ष में 500 करोड़ रुपये और अगले वित्त वर्ष में 700 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इस खबर की वजह से तीनों बैंकों के शेयरों में 3-5 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।  इन बैंकों में पूंजी डालने की वजह पूछने पर चिदंबरम का कहना था कि इससे उन्हें पूंजी पर्याप्तता बढ़ाकर 12 प्रतिशत से अधिक  करने में मदद मिलेगी।
कर्ज की बढ़ती मांग

भारतीय बैंकों को केंद्रीय बैंक के नियमों का पालन करने के लिहाज से पूंजी जुटाने के लिए दबाव बनाया जाता है ताकि मार्च के अंत तक रिस्क वेटेड ऐसेट रेशियो (सीआरएआर) या पूंजी पर्याप्तता अनुपात को पूरा किया जा सके।
चिदंबरम का कहना है, ‘हमारी नीति सभी बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करने की है ताकि  वे 12 फीसदी के सीआरएआर की सीमा तक पहुंच जाएं।’ इस पूंजी से बैंकों को विनिर्माण और बुनियादी ढ़ांचे से जुड़े सेक्टरों को उधार देने में सहूलियत होगी क्योंकि उनमें मंदी का आलम छाया हुआ है।
इस साल 16 जनवरी तक बैंकों के कर्ज में 22.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जो दो साल पहले के 30 फीसदी की बढ़ोतरी से बहुत कम है। उस वक्त अर्थव्यवस्था की विकास दर भी 9 फीसदी थी। ऐसा अनुमान है कि भारत का जीडीपी इस साल मार्च तक 7.1 फीसदी हो जाएगा।
मंदी की वजह से फैक्टरियों के उत्पादन, आयात और कार की बिक्री में भी कमी आई। सरकार ने उधार्रकत्ताओं को बैंकों से उधारी दरों में कटौती करने और ताकि लोन को बढ़ावा मिले। हालांकि बैंक अक्टूबर से ही भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख उधारी दरों में 3.5 फीसदी की कमी करने के स्थिति में नहीं हैं।
गौरतलब है कि वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से भारतीय बैंकों को इक्विटी जुटाने में काफी दिक्कत आ रही है। लेकि न फिर भी उन्हें केंद्रीय बैंक की पूंजी पर्याप्तता के नियमों का पालन करना पड़ता है। साथ ही कर्ज की बढ़ती मांग को भी पूरा करना होता है।
चढ़े इन बैंकों के शेयर

सरकार द्वारा तीन सरकारी ऋणदाताओं -यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और विजया बैंक -के पुनर्पूंजीकरण के लिए 3,800 करोड़ रुपये डालने की मंजूरी दिए जाने के बाद तीनों बैंकों के शेयर चढ़े।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज में यूको बैंक का शेयर 7. 17 फीसदी चढ़कर 29. 90 रुपये के स्तर पर और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 6.44 फीसदी चढ़कर 40.50 रुपये पर पहुंच गया। इधर विजया बैंक का शेयर भी दिन के कारोबार के दौरान करीब सात फीसदी चढ़कर 30.70 रुपये पर पहुंच गया।

First Published - February 11, 2009 | 9:34 PM IST

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