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जीएसटी वसूली के लिए अधिकारी भेजेगी सरकार

Last Updated- December 11, 2022 | 10:42 PM IST

नए साल के पहले दिन ही सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली के लिए कर अधिकारियों को कारोबारियों के परिसरों में भेजने का अधिकार मिल जाएगा। अगर आपने चालान की तुलना में कम कर देनदारी दिखाई है, तो सरकार बिना किसी नोटिस के आपके परिसर में जीएसटी की वसूली के अधिकारियों को भेज सकती है। आज जारी राजपत्र अधिसूचना के अनुसार इसके लिए वित्त अधिनियम, 2021 में प्रासंगिक प्रावधान जोड़े गए हैं, जो 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगे।
जीएसटी व्यवस्था के तहत अगर किसी उद्यम का सालाना कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक है तो संबंधित कंपनी को हर महीने दो तरह के रिटर्न भरने होते हैं। ये रिटर्न जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी फॉर्म में देने होते हैं। जीएसटीआर-1 रिटर्न फॉर्म में कारोबारियों द्वारा बिक्री के चालान दिखाए जाते हैं और जीएसटीआर-3बी में जीएसटी देनदारियों का सारांश घोषित करना होता है। जीएसटीआर-1 लेनदेन के अगले महीने की 11 तारीख तक भरना होता है और जीएसटीआर-3बी अगले महीने की 20 तारीख तक भरना होता है। जिनका सालाना कारोबार 5 करोड़ रुपये तक है, वे हर तीन महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करने का विकल्प चुन सकते हैं।
ऐसे में अगर कोई जीएसटीआर-1 में 1 करोड़ रुपये के बिल दिखाए हैं मगर जीएसटीआर-3बी में केवल एक लाख रुपये की बिक्री पर ही कर दिखाता है तो एक जनवरी से सरकार उसके परिसर में कर अधिकारियों को भेजकर 99 लाख रुपये की बिक्री पर जीएसटी की वसूली कर सकती है। ऐसे मामले में सरकार को संबंधित उद्यम को पहले नोटिस देने की भी जरूरत नहीं होगी।
एएमआरजी ऐंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि सरकार आपसे कहेगी कि आपकी देनदारी बनती है लेकिन आपने कभी कर का भुगतान नहीं किया है। आपको इस मसले पर सुनवाई का मौका देना भी जरूरी नहीं होगा और कोई नोटिस भी नहीं दिया जाएगा। इस अधिसूचना के प्रभावी होने के बाद सरकार स्पष्ट तौर पर कह सकती है, ‘हम सीधे तौर पर आपको ब्याज और जुर्माने के साथ कर का भुगतान करने के लिए कह सकते हैं क्योंकि ये जीएसटी फॉर्म स्व-आकलित होते हैं।’ वित्त अधिनियम में क्लब पर सदस्यों से जमा कराए गए शुल्क पर भी जीएसटी लगाने का प्रावधान है, अगर वे इसका इस्तेमाल परमार्थ कार्यों में नहीं करते हैं। अधिसूचना के अनुसार नए साल से खरीदार को उस सौदे के लिए इनपुट कर क्रेटिड से मना किया जा सकता है, जिस सौदे को विक्रेता ने अपने जीएसटीआर-1 फॉर्म में शामिल नहीं किया है।

First Published - December 22, 2021 | 11:23 PM IST

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