सरकार कोविड संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए संसाधन जुटाने को लेकर सजग है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बाजार से जितनी उधारी लेने की योजना बनाई थी, उसका करीब 60 फीसदी पहली छमाही में ही ले लेगी।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही यानी सितंबर तक सरकार बाजार से करीब 7.24 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी। यह पूरे साल के लिए उधारी लक्ष्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये का 60.06 फीसदी है। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने आज कहा कि यह उधारी दो से 40 साल तक की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्डों के जरिये जुटाई जाएगी। इसमें फ्लोटिंग दर वाले बॉन्डों का भी उपयोग किया जाएगा।
महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 2020-21 में सरकार ने 13.71 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। बजाज ने कहा, ‘2021 में वित्त मंत्रालय ने अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा सकल कर्ज लिया है। हालांकि शुद्घ कर्ज 11.41 लाख करोड़ रुपये था।’ हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उधारी के लक्ष्य में फि लहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन इससे इनकार नहीं किया गया है।
तरुण बजाज ने कहा, ‘हम नए वित्त वर्ष की पहली छमाही में अपनी सकल उधारी पर आगे बढ़ेंगे। जरूरत पड़ी तो आगे निर्णय लिया जाएगा, जो बाद में स्थिति कैसी रहती है उस पर निर्भर करेगा। हमें यह देखना होगा राजस्व और अन्य संसाधनों से हमें नए वित्त वर्ष में कितना राजस्व मिल सकता है, लेकिन इससे पहले मैं अनुमान लगाने का जोखिम नहीं उठाना चाहता।’ सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपना उधारी लक्ष्य दो बार बढ़ाया था। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में बाजार से 7.8 लाख करोड़ रुपये की उधारी लेने की योजना बनाई थी, जिसमें से 62.56 फीसदी राशि पहली छमाही में ली जानी थी। कोरोनावायरस संकट की वजह से कुल उधारी को मई में बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। सितंबर तक छह लाख करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई। हालांकि सरकार ने वित्त वर्ष की अंतिम नीलामी रद्द करने के बावजूद वर्ष के अंत तक 13.71 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटी ली थी। केवल मार्च के महीने में हुई कुछ नीलामियों को छोड़कर प्रतिफल स्थिर रहा। बजाज ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारित औसत उधारी लागत 5.79 फीसदी थी, जो 17 साल में सबसे कम थी। वहीं भारित औसत परिपक्वता 14.49 साल थी। वित्त वर्ष 2020 में भी सरकार ने कुल 7.1 लाख करोड़ रुपये की राशि में से 62.25 फीसदी हिस्सा पहली छमाही में उधार लिया था। बजाज ने कहा, ‘हम हालात से अलग तरह से निपट रहे हैं और फिलहाल व्यय को लेकर ऐसी कोई चिंताएं नहीं हैं। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम तैयार हैं और पिछले साल से भी ज्यादा तैयार हैं।’