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जीएसटी संग्रह 1.13 लाख करोड़ रुपये

Last Updated- December 12, 2022 | 7:41 AM IST

आर्थिक सुधार में तेजी आने से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी में 1.13 लाख करोड़ रुपये रहा। जीएसटी चोरी और फर्जी बिलों पर रोक लगाने के साथ ही अनुपालन के उपायों को सख्त बनाने तथा अर्थव्यवस्था में सुधार से जीएसटी संग्रह बढ़ाने में मदद मिली है।
इस साल फरवरी में जीएसटी संग्रह पिछले साल के फरवरी में 1.05 लाख करोड़ रुपये जीएसटी से करीब 7 फीसदी ज्यादा है। हालांकि जनवरी के 1.19 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर से थोड़ा कम जीएसटी मिला है। जीएसटी में लगातार सुधार लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को प्रदर्शित करता है।
यह संग्रह मुख्य रूप से जनवरी में किए गए लेनदेन पर आधारित है। जीएसटी लागू होने के बाद से पांच बार जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा, ‘जीएसटी संग्रह पांच बार 1 लाख करोड़ रुपये के पार रहा। महामारी केे बाद लगातार तीन बार जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। इससे आर्थिक सुधार और विभिन्न उपायों से अनुपालन में सुधार के स्पष्टसंकेत मिलते हैं।’
सरकार ने कहा कि फर्जी बिलों पर सख्ती दिखने  और जीएसटी, आयकर तथा सीमा शुल्क आदि स्रोतों से मिले आंकड़ों का विश्लेषणात्मक उपयोग करने से जीएसटी संग्रह बढ़ाने में मदद मिली है। इक्रा रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘फरवरी में जीएसटी संग्रह इससे पिछले महीने की तुलना में थोड़ा कम रहा लेकिन यह आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत देता है।’ फरवरी में वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15 फीसदी का इजाफा हुआ और घरेलू सौदों से राजस्व 5 फीसदी बढ़ा है। सीजीएसटी संग्रह फरवरी में 21,092 करोड़ रुपये रहा जो जनवरी में 21,923 करोड़ रुपये था। इसी तरह एसजीएसटी 27,273 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले महीने 29,014 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि मुआवजा उपकर जनवरी के 8,622 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 9,525 करोड़ रुपये पहुंच गया।

First Published - March 1, 2021 | 11:11 PM IST

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