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1.24 लाख करोड़ रुपये रहा जीएसटी संग्रह

Last Updated- December 12, 2022 | 6:26 AM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में 1.24 लाख करोड़ रुपये के साथ अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2020-21 में लगातार छठे महीने जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष में सातवें महीने में संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये का स्तर पार किया था। गुरुवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार लगातार चौथे महीने संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। अब तकजीएसटी क्रियान्वयन के बाद संग्रह छह बार 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। मार्च में जीएसटी संग्रह शानदार रहने के बाद कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान से अधिक रह सकता है। इनमें राज्यों का हिस्सा अलग कर दें तो केंद्र के खाते में पर्याप्त रकम आएगी जिससे उसका राजकोषीय घाटा 2020-21 के संशोधित अनुमान 9.5 प्रतिशत से कम रह सकता है।
सरकार ने कर अनुपालन नियमों को लेकर सख्ती की थी और जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया था। समझा जा रहा है कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि की यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है। मार्च में जासटी संग्रह 1,23,902 करोड़ रुपये रहा और पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले इसमें करीब 27 प्रतिशत तेजी दर्ज की गई। पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 97,590 करोड़ रुपये रहा था। इस साल फरवरी के 1.13 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले संग्रह 9.5 प्रतिशत अधिक रहा। मार्च में जीएसटी के मजबूत आंकड़े देश में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने का संकेत दे रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी जिससे पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां लगभग थम गई थीं।
मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया, ‘जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत होने के बाद से मार्च 2021 में संग्रह सर्वाधिक रहा है। लगातार छठे महीने जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। संग्रह लगातार बढऩा इस बात का प्रमाण है कि महामारी के बाद देश में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।’ वित्त वर्ष 2020-21 की पहली और दूसरी तिमाहियों में राजस्व संग्रह में कमी दर्ज की गई लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाहियों में इसमें तेजी आई।

First Published - April 1, 2021 | 11:27 PM IST

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