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टल सकती है इस महीने जीएसटी परिषद की बैठक

Last Updated- December 11, 2022 | 8:01 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की इस महीने होने वाली बैठक टल सकती है। जीएसटी व्यवस्था में कर दरों में बदलाव सहित कुछ विषयों पर चर्चा नहीं हो पाई है जिस वजह से इस महीने जीएसटी परिषद की संभावित बैठक मुनासिब नहीं लग रही है। मंत्रियों के समूह को कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करनी है।
समझा जा रहा था कि मंत्रियों का समूह पिछले महीने अपनी रिपोर्ट सौंप देगा और निम्नतम कर श्रेणी बढ़ाने सहित राजस्व बढ़ाने के विभिन्न उपाय सुझाएगा मगर ऐसा नहीं हो पाया। वर्तमान समय में जीएसटी में कर दरें चार श्रेणियों-5, 12, 18 और 28 प्रतिशत- में विभाजित की गई हैं।
इस समूह के सदस्य और दो राज्यों के वित्त मंत्रियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘समूह पिछले दो महीनों में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है। इसके साथ ही अब तक किसी नई बैठक का भी प्रस्ताव नहीं है।’ इससे पहले मंत्रियों के समूह की दो बैठकें हुई थीं मगर ये बेनतीजा रही थीं। समूह का मानना था कि जिंसों की ऊंची कीमतों और इनके असर को देखते हुए किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और चर्चा की आवश्यकता है।
जीएसटी दरों में बदलाव से वेटेड एवरेज जीएसटी दर मौजूदा 11 प्रतितश से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई होती। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘कर दरों में बढ़ोतरी करना या मौजूदा दर श्रेणियों में बदलाव करना मुश्किल दिख रहा है। यहां तक कि दो दरों-12 और 18 प्रतिशत -का विलय भी चुनौतीपूर्ण लग रहा है। आंतरिक एवं बाह्य कारकों पर विचार करने के बाद ही इस दिशा में कोई कदम आगे बढ़ाया जा सकता है।’
इस बीच सरकार को लगता है कि राजस्व संग्रह में इजाफा जारी रहेगा और अप्रत्यक्ष कर का इसमें अहम योगदान होगा। पिछले वित्त वर्ष में केंद्र का अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा था और कुल कर संग्रह 27.07 लाख करोड़ रुपये दर्ज हुआ था। मार्च में जीएसटी संग्रह सर्वाधिक 1.42 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
एक दूसरे अधिकारी ने संकेत दिया कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक मई में हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि इस महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18 अप्रैल से 27 अप्रैल तक अमेरिका के दौरे पर जाएंगी। वित्त मंत्री वहां जी-20 देशों, अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेंगी। इनमें ज्यादातर बैठके वाशिंगटन में होगी। जीएसटी परिषद की बैठक के लिए राज्यों को कम से कम 7 दिन पहले सूचना दी जाती है। इस बीच केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की अगुआई में फिटमेंट समिति की बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई थी। इनमें रियायत सूची का आकार कम करने से लेकर व्युत्क्रम शुल्क ढांचा दुरुस्त बनाने जैसे विषय शामिल थे। फिटमेंट समिति की बैठक पिछले सप्ताह हुई थी। बैठक में सबसे निचली दर श्रेणी धीरे-धीरे 5 प्रतिशत से बढ़कार 6  या 7 प्रतिशत तक करने पर भी  चर्चा हुई थी।
आवश्यक वस्तुएं या तो कर मुक्त होती हैं या इन पर सबसे कम कर लगता है। महंगी वस्तुओं पर सर्वाधिक 28 प्रतिशत कर लगता है। इसके अलावा इन वस्तुओं पर उपकर भी गता है। उपकर से जुटाई गई रकम राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई करने में इस्तेमाल होती है। अधिकारी के अनुसार बिजली से चलने वाले वाहन, ट्रैक्टरों और कृषि उपकरणों पर लगने वाले कर में कमी करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।  
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में बदलाव करना आवश्यक हो गया है।

First Published - April 11, 2022 | 10:43 PM IST

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