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वित्त वर्ष 23 में जीएसटी बढ़ने की आस

Last Updated- December 11, 2022 | 5:50 PM IST

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने श्रीमी चौधरी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नियमों में हाल में किए बदलाव का असर दिखने लगा है। संपादित अंश…

जीएसटी को 5 साल हो गए हैं। अब तक यह यात्रा कैसी रही है?
हमने लंबी दूरी तय की है। पहले 2 साल चुनौतीपूर्ण रहे हैं क्योंकि राजस्व की आवक उम्मीद से कम रही है। नए दौर में जटिलताएं भी आईं। प्रक्रिया के बोझ और जीएसटी नेटवर्क
(जीएसटीएन) में खामियों के कारण चिंता और बढ़ गई।  इसके अलावा जीएसटी से पूरी छूट की सीमा कम थी। यह छोटे करदाताओं की सभी जरूरतें पूरी कर रहा था। जीएसटी कर ढांचा जटिल था और इसे लागू करने में जटिलता आ रही थीं। हमने ई-इनवाइसिंग, तिमाही रिपोर्ट फाइलिंग और कर के मासिक भुगतान की व्यवस्था पेश करके ज्यादातर समस्याओं का समाधान किया। हमने ऐसे तरीके से व्यवस्था में बदलाव किया, जिससे गड़बड़ी की संभावना शुरुआत की तुलना में बहुत कम रहेगी।
 
राजस्व की चोरी को आप कैसे कम करेंगे?
हमने अनुपालन को सरल करने और प्रवर्तन कार्रवाई में संतुलन बनाने पर जोर दिया। नवंबर 2020 में हमने एक अभियान चलाया, खासकर डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल और जोखिम मानकों को चिह्नित करके इस तरह के करदाताओं को चिह्नित किया और हमने कुछ पंजीकरणों को रद्द कर दिया। हमने आगे चलकर रिटर्न फाइलिंग को अनुक्रमिक बनाकर व्यवस्था को और कड़ा किया। जब हमने अभियान चलाया तो यह पाया कि बड़ी संख्या में डीलर फर्जी इनवाइस का इस्तेमाल कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरुपयोग कर रहे  हैं। राज्यों के साथ मिलकर प्रवर्तन अभियान शुरू किया और यह सफल हुआ। बड़ी संख्या में मामले सामने आए।
 
कुछ क्षेत्रों में गलत इनवाइस बनी हुई है, आपका क्या  कहना है?
हां, ऐसा है। कुछ इकाइयां निश्चित श्रेणियों में गलत इनवाइस का इस्तेमाल करती हैं, खासकर मेटल स्क्रैप के मामले में। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें से बड़ी संख्या में घरेलू स्तर पर जनरेट की जाती हैं और उसके लिए कर भुगतान इनवाइस नहीं होती। बहरहाल कुछ कदम हाल में उठाए गए हैं। इससे गलत इनवाइस पर लगाम लग सकती है और इनपुट टैक्स क्रेडिट की धोखाधड़ी रुक सकती है।

जीएसटी ऑडिट चर्चा में है। इससे क्या हासिल करने का लक्ष्य है?
यह हमारी अनुपालन प्रबंधन रणनीति का हिस्सा है,जो  पूरे देश में चल रही है। चल रही ऑडिट जीएसटी के पहले दो साल के लिए है। इससे रिटर्न की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी।
 
अप्रैल में जीएसटी का रिकॉर्ड संग्रह हुआ। चालू वित्त वर्ष में आपको क्या उम्मीद है?
मुझे लगता है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मासिक कर संग्रह 1.25 से 1.30 लाख करोड़ रुपये रहेगा।
 
मुआवजा व्यवस्था का क्या भविष्य है?
कुछ राज्यों ने मुआवजा व्यवस्था की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है। यह मसला जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा। मेरा विचार है कि अगर कर संग्रह में बढ़ोतरी होती है तो मुआवजे की जरूरत नहीं पड़ेगी।

First Published - July 4, 2022 | 12:20 AM IST

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