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जीएसटी से बढ़ी सुधार की आस

Last Updated- December 14, 2022 | 11:25 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में लगातार छह महीने गिरावट के बाद सितंबर में अच्छी बढ़ोतरी रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण कई महीनों तक प्रभावित रहीं आर्थिक गतिविधियां फिर से सामान्य हो रही हैं।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जीएसटी संग्रह में शानदार बढ़ोतरी की वजह अक्टूबर में त्योहारी सीजन से पहले कारोबारियों के माल का स्टॉक करना भी हो सकता है। ये आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब केंद्र और राज्यों के बीच क्षतिपूर्ति को लेकर विवाद बढ़ रहा है और सोमवार को परिषद की बैठक महज कुछ दिन दूर है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से आज जारी आंकड़े दर्शाते हैं कि जीएसटी संग्रह सितंबर में 95,480 करोड़ रुपये रहा। यह अगस्त में 86,449 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि जीएसटी संग्रह महामारी के झटके से पूरी तरह उबर नहीं पाया है। यह लगातार सातवें महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से काफी नीचे रहा है, जबकि देश में अनलॉक की प्रक्रिया जून में शुरू हो गई थी। पिछले वित्त वर्ष के सात महीनों में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर बढ़ोतरी राहत लेकर आई है, लेकिन इसके आगे भी बने रहने को लेकर अनिश्चितता है। इसकी बढ़ोतरी की वजह छिपी हुई मांग और स्टॉक करना दोनों हो सकते हैं। केंद्रीय जीएसटी संग्रह सितंबर में 39,001 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 34,122 करोड़ रुपये था। स्टेट जीएसटी संग्रह सितंबर में 40,128 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले महीने में 35,714 करोड़ रुपये था। इंटीग्रेटेड जीएसटी संग्रह बढ़कर 47,484 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 42,264 करोड़ रुपये रहा था।
सरकार ने 500 करोड़ रुपये या उससे  अधिक कारोबार वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉयसिंग व्यवस्था शुरू कर संग्रह को और सुधारने की योजना बनाई है। सरकार  अब ई-इनवॉयसिंग 1 नवंबर से अनिवार्य बनाएगी।

राज्यों को मिलेंगे 24,000 करोड़ रुपये
राज्यों को वर्ष 2017-18 से एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) मद में बकाया करीब 24,000 करोड़ रुपये के भुगतान के फैसले से बड़ी राहत मिल सकती है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्री समूह की बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस प्रस्ताव को जीएसटी परिषद की मंजूरी के लिए सोमवार को होने वाली बैठक में रखा जाएगा। मुआवजे के भुगतान को लेकर जीएसटी परिषद की इस बैठक के हंगामेदार होने के आसार हैं। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘पंजाब ने पिछले साल ही संचित निधि में 1.76 लाख करोड़ रुपये गलत ढंग से जमा करने का केंद्र पर आरोप लगाया था। यह धोखाधड़ी भले न हो लेकिन संविधान का उल्लंघन था।’
मामला वर्ष 2017-18 में जीएसटी कर प्रणाली शुरू होने के समय का है। उस साल आईजीएसटी मद वाली 1.76 लाख करोड़ रुपये  राशि को केंद्र ने राज्यों को वितरित करने के बजाय संचित निधि में जमा करा दिया था।

First Published - October 1, 2020 | 10:56 PM IST

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