केंद्र सरकार के दूसरे राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज के तुरंत बाद उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी अल्कालिक दर, रेपो और रिवर्स रेपो में कटौती करेगा।
मंहगाई दर 10 महीने के निम्नतम स्तर 6.38 फीसदी के स्तर पर आने और गिरावट का रुख बरकरार रहने की उम्मीद के मद्देनजर केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो दर में एक-एक फीसदी की कटौती किए जाने की गुंजाइश है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सुरेश तेंदुलकर ने कहा कि मौजूदा अनुकूल माहौल के मद्देनजर केंद्रीय बैंक के पास रेपो और रिवर्स रेपो में एक फीसदी की कटौती की गुंजाइश है। रेपो और रिवर्स रेपो में 100 आधार अंकों की कटौती होनी चाहिए। यदि आरबीआई मुख्य दरों में और कटौती करता है, तो इससे बैंकों को नए साल में ब्याज दरें घटाने में मदद मिलेगी।
तेंदुलकर के आकलन का समर्थन करते हुए निजी क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा मुद्रास्फीति की दरों में तेज गिरावट, नकदी की बेहतर स्थिति और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए नीति निर्माताओं की कोशिश को देखते हुए रिजर्व बैंक के लिए निकट भविष्य में दरों में कटौती की पूरी गुंजाइश है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने अक्टूबर में जब से पदभार संभाला है उन्होंने कई खंडों में कटौती की है।