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नीतिगत दर घटाने की हड़बड़ी नहीं, RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ और मुद्रास्फीति अनुमान रखा बरकरार

मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद रखते हुए रिजर्व बैंक ने 2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) औसतन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

Last Updated- April 05, 2024 | 9:40 PM IST
Editorial: Policy clarity of central banks, Shaktikanta Das' views on climate change and technological challenges केंद्रीय बैंकों की नीतिगत स्पष्टता, शक्तिकांत दास का जलवायु परिवर्तन और तकनीकी चुनौतियों पर विचार

RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति ​समिति ने लगातार छठी बार रीपो दर और रुख में बदलाव नहीं करने का निर्णय किया। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अवस्फीति (disinflation) के अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने का संकल्प जताते हुए संकेत दिया कि जब तक मुद्रास्फीति 4 फीसदी के लक्ष्य पर नहीं पहुंचती तब तक ब्याज दरों में कटौती शरू करने की जरूरत नहीं है।

दास ने कहा कि आ​र्थिक गतिवि​धियों में मजबूती के कारण केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति पर ध्यान देते रहने की सहूलियत मिल रही है। समिति की बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘मजबूत वृद्धि की संभावना से नीति में मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और उसे 4 फीसदी के लक्ष्य तक लाने की गुंजाइश है।’

यथा​स्थिति बनाए रखने के निर्णय का जिक्र करते हुए दास ने कहा, ‘खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनि​श्चितता चुनौती बनी हुई है। ऐसे में मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति बढ़ने के जो​खिम के प्रति चौकन्नी है क्योंकि इससे अवस्फीति की राह कठिन हो सकती है। इन परि​स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति में अवस्फीति के लिए सक्रियता से काम होना चाहिए ताकि मुद्रास्फीति को काबू में करने के पिछले उपायों का पूरा फायदा मिल सके।’

समिति के पांच सदस्य रीपो दर और रुख को यथावत बनाए रखने के पक्ष में थे। बाहरी सदस्य जयंत वर्मा ने रीपो दर 25 आधार अंक घटाने और रुख को तटस्थ करने के पक्ष में अपना मत दिया।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘वृद्धि की तेज गति और चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हमारे अनुमान ने कीमतों में स्थायित्व लाने पर ध्यान केंद्रित करने की गुंजाइश बनाई है।’

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति में कमी आई है मगर खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनि​श्चितता चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनि​श्चितता के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा है।’

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ‘केंद्रीय बैंक वृद्धि के प्रति आशान्वित​ है और वित्त वर्ष के लिए उसने 7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। इससे मौद्रिक नीति को सख्त बनाए रखने और मुद्रास्फीति पर ध्यान देने की सुविधा बनी है। इससे दर कटौती की संभावना को वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही तक के लिए बढ़ा दिया गया है।’

मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद रखते हुए रिजर्व बैंक ने 2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहली तिमाही में इसके 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने कहा, ‘एक वर्ष बाद की स्थिति में भी मुद्रास्फीति लक्ष्य पर नहीं नजर आती। ऐसे में हमारा प्राथमिक लक्ष्य यही है कि हमें मुद्रास्फीति को लक्ष्य के हिसाब से ढाला जाए।’

दास ने पात्र की बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति का प्राथमिक लक्ष्य है कीमतों को स्थिर बनाना।

First Published - April 5, 2024 | 9:40 PM IST

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