भारतीय उद्योग जगत द्वारा दिसंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किए जाने के बाद अब निवेशकों और बाजार कारोबारियों के लिए और ज्यादा अच्छी खबरे हैं। भले ही कॉरपोरेट लाभ वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में शानदार रफ्तार के साथ बढऩे का अनुमान पहले ही लगाया जा चुका था, लेकिन देश की प्रमुख ब्रोकरेज कंपनियों ने अब वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 के लिए प्रमुख सूचीबद्घ कंपनियों के प्रति शेयर आय (ईपीएस) अनुमानों में इजाफा किया है।
बीएसई200 कंपनियों का तिमाही शुद्घ लाभ तीसरी तिमाही में 1.67 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और यह सालाना आधार पर 57 प्रतिशत तक बढ़ा। इसके साथ, भारतीय उद्योग जगत ने मार्च 2020 और जून 2020 की तिमाहियों के दौरान कोविड-19 की वजह से हुए नुकसान की ज्यादातर भरपाई कर ली है।
बीएसई200 कंपनियों का संयुक्त शुद्घ लाभ पिछले 12 महीने के आधार (टीटीएम) पर दिसंबर 2020 तिमाही के अंत में 3.67 लाख करोड़ रुपये था, जो दिसंबर 2019 की तिमाही के अंत में दर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये के टीटीटी शुद्घ लाभ के मुकाबले महज 2.1 प्रतिशत कम है। कुल मिलाकर, बीएसई200 कंपनियों का बीएसई पर सूचीबद्घ सभी कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 84 प्रतिशत का योगदान रहा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि आय में सुधार काफी व्यापक है और बीएसर्इ 200 सूचकांक के प्रत्येक चार में से तीन कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में शुद्घ लाभ में सालाना आधार पर वृद्घि दर्ज की। कुल मिलाकर, सूचकांक की 180 (जिनके पिछले पांच साल के आंकड़े उपलब्ध हैं) में से 138 कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बढ़ी और कंपनियों की संख्या के लिहाज से यह आंकड़ा पिछली 10 तिमाहियों में सर्वाधिक रहा।
तुलनात्मक तौर पर, 104 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में आय में सुधार दर्ज किया था, जबकि दिसंबर 2019 की तिमाही के लिए यह आंकड़ा 125 था। जून 218 की तिमाही (वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही) में यह संख्या सर्वाधिक थी और तब बीएसई 200 सूचकांक की 180 में से 141 कंपनियों ने आय में सालाना आधार पर वृद्घि दर्ज की थी।
इस वजह से विश्लेषकों में इसे लेकर भरोसा बढ़ा है कि आय वृद्घि से ज्यादातर कंपनियों के लिए आय अनुमानों में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
नीलकंठ मिश्रा के नेतृत्व में क्रेडिट सुइस के विश्लेषकों ने ने वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही की समीक्षा में लिखा है, ‘अब उन्हें वित्त वर्ष 2021 की निफ्टी ईपीएस में 5 प्रतिशत के बजाय 14 प्रतिशत वृद्घि की संभावना है। वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 के ईपीएस अनुमानों में तिसंबर 2020 से 6 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है, जो धातु, आईटी, निजी बैंकों, एनबीएफसी और वाहन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रहा।’
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘त्योहारी सीजन के दौरान लगातार लागत किफायती पहलों के साथ मजबूत मांग सुधार देखा गया था। इसकी वजह से लगातार दूसरी तिमाही में निफ्टी ईपीएस के लिए अपग्रेड को बढ़ावा मिला।’