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प्रमुख क्षेत्रों के उत्पादन में इजाफा

Last Updated- December 11, 2022 | 5:53 PM IST

मई महीने में 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दो अंकों में 18.1 प्रतिशत रही है,  जो 13 महीने का उच्चतम स्तर है। केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के समर्थन से ऐसा हुआ है।
उद्योग विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि में व्यापक स्तर पर सुधार को कम आधार का लाभ मिला है। इसमें कोयला क्षेत्र की वृद्धि दर 25.1 प्रतिशत रही है, जिसने लगातार दूसरे महीने में उच्च वृद्धि दर्ज की है। अन्य क्षेत्रों में सीमेंट क्षेत्र की वृद्धि दर 26.3 प्रतिशत, उर्वरक की 22.8 प्रतिशत, बिजली की 22 प्रतिशत, पेट्रोलियम एवं रिफाइनरी उत्पादों की 16.7 प्रतिशत और स्टील की 15 प्रतिशत रही है।

इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘सीमेंट और स्टील सेक्टर में तेज वृद्धि दर से निर्माण क्षेत्र के गति पकड़ने के संकेत मिलते हैं। यह कृषि के बाद प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। इसे मुख्य रूप से सरकार से समर्थन मिला है क्योंकि केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय अप्रैल मई 2022 में 71.1 प्रतिशत बढ़ा है।’

लेखा महानियंत्हरक (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023 के 7.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के बजट से अप्रैल-मई के दौरान 14.3 प्रतिशत खर्च कर दिया है।

कच्चे तेल का उत्पादन भी 53 माह के अंतराल के बाद 4.6 प्रतिशत बढ़ा है।

इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) मई में 16 से 19 प्रतिशत बढ़ेगा। इसे अन्य उच्च संकेतकों के साथ प्रमुख क्षेत्र में उच्च वृद्धि का लाभ मिलेगा।’

सिन्हा ने कहा कि अगर प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि बरकरार रहती है तो यह आर्थिक रिकवरी के लिए बहुत सकारात्मक होगा। उन्होंने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियां बहाल हो रही हैं। रूस यूक्रेन युद्ध के बावजूद यह पटरी से नहीं उतरी हैं, यह सकारात्मक बात है।’
पेशेवर अनुमान लगाने वाले तमाम लोगों ने हाल के महीनों में भारत का वृद्धि अनुमान घटा दिया था। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने पहले के वृद्धि अनुमान 7.2 प्रतिशत को बरकरार रखा है। वहीं ऑर्गेनाइजेशन आफ इकोनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने भारत का वित्त वर्ष 23 का अनुमान घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, जिसने पहले 8.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। ओईसीडी का अनुमान था कि रूस यूक्रेन युद्ध का भारत पर विपरीत असर पड़ेगा। फिच रेटिंग ने भारत की सॉवरिन रेटिंग नकारात्मक से स्थिर कर दिया था, वहीं वृद्धि अनुमान वित्त वर्ष 23 के लिए घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया था, जबकि पहले 8.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। फिच ने जिंसों के बढ़ते वैश्विक दाम के कारण महंगाई के दबाव का हवाला दिया था।

First Published - July 1, 2022 | 12:42 AM IST

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