facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए समझौता, दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देगा

भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया, दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और रणनीतिक लाभ प्रदान करने के लिए।

Last Updated- May 06, 2025 | 11:13 PM IST
India-UK FTA

भारत और ब्रिटेन ने लगभग साढ़े तीन वर्षों की गहन बातचीत के बाद बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को आज अंतिम रूप दे दिया। इससे भू-राजनीतिक अनिश्चितता और व्यापार युद्ध के दौर में दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक गठजोड़ को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही दोनों देशों ने दोहरे अंशदान समझौते या सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी मुहर लगा दी, जिसे भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है। इस समझौते से ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा भुगतान से तीन साल की छूट मिलेगी। भारत लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। इस करार से सीमा पार न केवल कुशल, पेशेवर श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी बल्कि भारतीय सेवा प्रदाताओं को महत्त्वपूर्ण वित्तीय लाभ भी होगा। दोनों समझौते संपन्न हो चुके हैं मगर अभी उन पर हस्ताक्षर होने बाकी हैं।

भारत और ब्रिटेन के बीच विवादास्पद द्विपक्षीय निवेश संधि अभी भी लंबित है क्योंकि दोनों पक्ष विवादों के समाधान और समझौते में कराधान को शामिल करने से संबंधित मतभेदों को दूर करने के लिए जूझ रहे हैं। अमेरिका द्वारा लागू की जा रही संरक्षणवादी व्यापार नीतियों के कारण वैश्विक व्यापार में उथल पुथल को देखते हुए भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की जल्दबाजी दिखाई है। यह दुनिया भर में द्विपक्षीय व्यापार के बढ़ते महत्त्व का
भी प्रतीक है।

ब्रिटेन के लिए भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण करार है क्योंकि वह ब्रेक्सिट के बाद दुनिया के साथ व्यापार संबंध बनाने का प्रयास कर रहा है। दूसरी ओर भारत के लिए यह आज तक किसी भी प्रमुख विकसित देश के साथ किया गया सबसे व्यापक व्यापार करार है।

मुक्त व्यापार करार को ऐसे समय में अंतिम रूप दिया गया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के शुरुआती चरण के लिए चर्चा जोर पकड़ रही है। लगभग एक साल के अंतराल के बाद भारत और ब्रिटेन ने फरवरी में तीन अलग-अलग समझौतों पर औपचारिक रूप से बातचीत शुरू की थी। हालांकि पिछले हफ्ते वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लंदन यात्रा के दौरान ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात की और लंबित मुद्दों को सुलझाया। इससे लंबे समय से लंबित सौदे को अंतिम रूप देने में मदद मिली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘अपने मित्र प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर से बात करके मुझे बहुत खुशी हुई। एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में भारत और ब्रिटेन ने एक महत्त्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ दोहरे योगदान करार सफलतापूर्वक संपन्न किया है। ये ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे तथा दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देंगे। मैं जल्द ही भारत में प्रधानमंत्री स्टार्मर का स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।’

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने बातचीत की और मोदी ने स्टार्मर को भारत आने का निमंत्रण दिया। भारत को लगभग 99 फीसदी उत्पादों पर शुल्क खत्म किए जाने से उन्मूलन से लाभ होगा, जो उसके कुल व्यापार मूल्य का लगभग 100 फीसदी होगा। वाणिज्य विभाग ने बयान में कहा कि इस व्यापार समझौते से शुल्क में कमी आएगी और बाजार पहुंच बढ़ने से भारतीय वस्तुओं को ब्रिटेन के बाजार में अन्य बाजारों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। इससे कपड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, वाहन कलपुर्जा और इंजन तथा कार्बनिक रसायन जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा।

दूसरी ओर भारत में आयात शुल्क में कटौती की जाएगी, जिससे 90 फीसदी उत्पादों पर शुल्क प्रावधान घटेंगे और इनमें से 85 फीसदी उत्पाद एक दशक के भीतर पूरी तरह से शुल्क-मुक्त हो जाएंगे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘यह समझौता दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच न्यायसंगत और महत्त्वाकांक्षी व्यापार के लिए नया मानदंड स्थापित करता है। इससे भारतीय किसानों, मछुआरों, श्रमिकों, एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स को लाभ होगा। यह हमें वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के हमारे लक्ष्य के करीब लाता है। यह एफटीए केवल वस्तुओं और सेवाओं के बारे में नहीं है बल्कि लोगों, संभावनाओं और समृद्धि के बारे में भी है। यह हमारे मूल हितों की रक्षा करता है जबकि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की अधिक भागीदारी के द्वार खोलता है।’

वित्त वर्ष 2004-25 के दौरान दोनों देशों के बीच कुल 21.33 अरब डॉलर मूल्य का व्यापार हुआ। इस दौरान भारत से 12.9 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.3 फीसदी अधिक है। ब्रिटेन से आयात 8.4 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष साल की तुलना में 6.1 फीसदी कम है।

First Published - May 6, 2025 | 11:13 PM IST

संबंधित पोस्ट