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भारत MSCI ACWI IMI में शामिल होने वाला बना छठा सबसे बड़ा देश, चीन को पछाड़ा

भारत ने इस सूची में चीन को पीछे छोड़ दिया है और फ्रांस से मामूली अंतर से पीछे है।

Last Updated- September 18, 2024 | 11:22 PM IST
MSCI सूचकांक में बढ़ा देसी बाजार का भार, चीन व भारत का अंतर घटकर 400 आधार अंक रह गया Weight of domestic market increased in MSCI index, difference between China and India reduced to 400 basis points

भारत एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड इन्वेस्टिबल मार्केट इंडेक्स (एसीडब्ल्यूआईआईएमआई) में शामिल छठा सबसे बड़ा देश बन गया है। भारत ने इस सूची में चीन को पीछे छोड़ दिया है और फ्रांस से मामूली अंतर से पीछे है।

एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई सूचकांक वैश्विक पूंजी बाजारों के प्रदर्शन पर नजर रखता है। पहली बार भारत इस सूचकांक में सबसे बड़ा तेजी से उभरता बाजार (ईएम) बन गया है। अगस्त के अंत में इस सूचकांक में भारत का भारांश 2.35 प्रतिशत रहा वहीं चीन का 11 आधार अंक कम यानी 2.24 प्रतिशत रहा। फ्रांस भारत से महज 3 आधार अंक अधिक है।

एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई सूचकांक में बड़े और मझोले शेयर शामिल होते हैं। यह अधिक व्यापक एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई इंडेक्स का हिस्सा है जिसमें केवल बड़े और मझोले शेयर शामिल हैं। 16 सितंबर तक भारत (2.07 प्रतिशत भारांश) इस सूचकांक में अब भी चीन (2.41 प्रतिशत भारांश) से पीछे चल रहा था।

विश्लेषकों के अनुसार एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई सूचकांक में भारत का कद बढ़ने से पैसिव इन्वेस्टमेंट में अधिक अंतर नहीं आएगा क्योंकि इस सूचकांक का प्रदर्शन का अंदाजा एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) से लगाया जाता है, जिनकी परिसंपत्ति 2 अरब डॉलर से कम है। मगर सूचकांक में सबसे बड़ा तेजी से उभरता बाजार और छठा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार का ओहदा हासिल होने से भारत की छवि खासी मजबूत होगी। इससे भारत में निवेश करने
को लेकर निवेशक अधिक आकर्षित होंगे।

मॉर्गन स्टैनली में चीफ इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट (एशिया ऐंड ईएम) जोनाथन गार्नर ने कहा, ‘बाजार के शानदार प्रदर्शन, नए निर्गम और नकदी की स्थिति मजबूत होने से कारण भारत का हिस्सा बढ़ता जाएगा।‘ वर्ष 2021 के शुरू में शीर्ष पर पहुंचने के बाद चीन का भार आधा कम हो गया है जबकि भारत का भार इसी अवधि में दोगुना बढ़ा है।

गार्नर ने कहा, ‘भारत की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 13-14 प्रतिशत दर से बढ़ रही है जो इस समय चीन की तीन गुना है। दोनों देशों में कंपनियों के लिए भिन्न कारोबारी एवं कमाई के माहौल उपलब्ध हैं।‘ अगस्त में चीन को पीछे करके भारत पहली बार एमएससीआई ईएम आईएमआई में आगे निकल गया था।

एमएससीआईईएम आईएमआई में शामिल घरेलू शेयरों का संयुक्त भारांश 22.27 प्रतिशत है जबकि चीन के शेयरों का भारांश 70 आधार कम यानी 21.58 प्रतिशत के स्तर पर है। एमएससीआईईएम आईएमआई के प्रदर्शन का आकलन पैसिव फंडों के जरिये होता है, जिनकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां लगभग 125 अरब डॉलर है। मुख्य एमएससीआई ईएम सूचकांक पर 500 अरब डॉलर परिसंपत्तियों वाले फंडों की नजरें होती हैं।

First Published - September 18, 2024 | 10:50 PM IST

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