facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

India-China Trade: भारत और चीन के व्यापारिक आंकड़ों में बढ़ रहा फर्क, डेटा में पाई जा रही खामियां

India-China Trade: 19वीं सदी यानी 1800 के समय दुनिया भर के व्यापार (global trade) का 50 फीसदी हिस्सा सिर्फ भारत और चीन के बीच होता था।

Last Updated- March 29, 2024 | 4:58 PM IST
निर्यातकों के रिफंड दावों के लिए नया वेरिफिकेशन सिस्टम लाएगी सरकार, Government will bring new verification system for refund claims of exporters

India-China Trade: भारत और चीन के बीच गहराता तनाव अब व्यापार में भी दिखने लगा है। 1900 के पहले का एक दौर था जब भारत के कई बड़े उद्योगपति जैसे टाटा ग्रुप (Tata Group) और वाडिया ग्रुप (Wadia Group) को अपने व्यापार का विशाल साम्राज्य खड़ा करने में मदद मिली। 19वीं सदी यानी 1800 की बात की जाए तो एक और दिलचस्प बात सामने निकल कर आती है। डेटा से पता चलता है कि उस समय दुनिया भर के व्यापार (global trade) का 50 फीसदी हिस्सा सिर्फ भारत और चीन के बीच होता था।

मगर अब देखा जाए तो दोनों देशों के बीच व्यापार के हालिया आंकड़े एक अजीब स्थिति दर्शाते हैं। भारत से चीन को जाने वाला माल चीन से भारत आने के मुकाबले काफी कम है। चीन भारत को अरबों डॉलर ज्यादा का माल निर्यात करता है। दोनों देशों के सरकारी आंकड़ों के आधार पर बिज़नेस स्टैंडर्ड की कैलकुलेशन से पता चलता है कि जनवरी तक यह अंतर बढ़कर 19 अरब डॉलर हो गया है।

क्यों बढ़ रही विसंगतियां, क्या इनमें से कोई वजह?

ऐसी स्थितियां दूसरे देशों में भी देखी गई है और इस तरह की विसंगतियों के कई मायने हो सकते हैं। इन अंतरों की कैलकुलेशन करते समय देखा जाता है कि क्या उसमें माल ढुलाई और बीमा लागत (freight and insurance costs ) शामिल है या क्या शिपमेंट मूल्यों (shipment values) का हिसाब उस अंतिम देश या मूल देश (country of origin) द्वारा किया जाता है, जहां से निर्यात किया गया है। इसके अलावा, व्यापार धोखाधड़ी एक और मामला हो सकता है जिसके चलते कैलकुलेशन में खामियां आ सकती हैं। व्यापार धोखाधड़ी में भुगतान किए गए टैरिफ को कम करने के लिए माल का कम मूल्य दिखाना शामिल होता है।

क्या है चीन-भारत व्यापार का अंतर

2023 के भारत सरकार के एक अध्ययन में कहा गया है कि चीन के साथ देश की व्यापार विसंगति (trade discrepancy) वस्तुओं की पांच कैटेगरीज में स्पष्ट है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इन कैटेगरीज के लिए लेटेस्ट उपलब्ध डेटा को देखा। FY24 (वित्त वर्ष 24) के जनवरी के डेटा के मुताबिक, चीन और भारत की सरकारों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में अंतर 36.9 करोड़ डॉलर से लेकर 7 अरब डॉलर से ज्यादा है।

सबसे बड़ा अंतर विद्युत मशीनरी (electrical machinery), उपकरण (equipment) और संबंधित वस्तुओं के लिए है। पांच कैटेगरीज में से हर कैटेगरीज के माल का आयात भारत के कुल आयात के मुकाबले तेजी से बढ़ा है, जिसका मतलब है कि व्यापार विसंगति जल्द ही कम नहीं हो सकती है। चार कैटेगरीज में चीन से कुल आयात (overall imports) के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई।

चीन से कुल आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले जनवरी 2024 तक 2.6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जबकि ऑयरन और स्टील के आयात में 26.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं सभी देशों से भारत को आयात का टोटल आंकड़ा देखा जाए तो जनवरी में कुल आयात 6.9 फीसदी कम हुआ है।

सरकारी आंकड़े क्या कहते हैं

आंकड़े जारी करते समय उन कारणों पर विचार नहीं किया जा रहा है जो व्यापार डेटा विसंगतियों को एक्सप्लेन कर सकते हैं। भारत सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पार व्यापारों (cross-border trade ) में कई तरह के भेदभाव और अनियमितताएं हैं, जिसे लेकर रिपोर्टिंग भी कम की जाती है।

सरकारी रिपोर्ट का कहना है कि एक विस्तृत जांच ऐसे मामले को साफ करने में काफी फायदेमंद हो सकती है। अगर ऐसा हो जाता है तो सरकारी खजाने में आने वाली रकम यानी राजस्व राजकोष (revenue exchequer) में भी नुकसान कम झेलना पड़ेगा।

और बढ़ेगा व्यापार अंतराल!

अंतरराष्ट्रीय रिसर्च से पता चलता है कि बाधाओं के साथ व्यापार विसंगतियां बढ़ती हैं। अगर यह सच है, तो भारत द्वारा चीन से हो रहे आयात पर बाधाएं बढ़ाने की चर्चा और बीजिंग के पहले से ही लागू प्रतिबंधों के बीच विसंगतियां और बढ़ सकती हैं।

First Published - March 29, 2024 | 4:58 PM IST

संबंधित पोस्ट