भारत के दबदबे वाले सेवा क्षेत्र की वृद्धि ने 2024 की समाप्ति पर अपनी मजबूती की छाप छोड़ी। मांग में जबरदस्त उछाल के कारण नए कारोबार का प्रवाह अधिक रहा। एक निजी कारोबारी सर्वेक्षण के अनुसार इससे आउटपुट वृद्धि में मदद मिली और इसने कंपनियों को अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए प्रोत्साहित किया।
एचएसबीसी ने सोमवार को हेडलाइन पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े जारी किए जिसका संकलन एसऐंडपी ग्लोबल ने किया है। दिसंबर में सेवा पीएमआई बढ़कर चार माह के उच्च स्तर 59.3 पर पहुंच गया जबकि यह नवंबर में 58.4 था। यह सूचकांक लगातार 41वें महीने तटस्थ 50 के स्तर से ऊपर रहा। इस सूचकांक में 50 से ऊपर का स्तर बढ़त और 50 से नीचे का स्तर गिरावट को प्रदर्शित करता है।
सर्वेक्षण में बताया गया, ‘सर्वेक्षण में भागीदार नए साल की कारोबारी गतिविधियों के नजरिये को लेकर भी उत्साहित थे।’बहरहाल, मूल्य के मोर्चे पर लागत का दबाव आंशिक रूप से बढ़ा था, लेकिन सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने खाद्य पदार्थों, श्रम और सामग्री के लिए अधिक व्यय किए जाने की जानकारी दी। हालांकि दिसंबर में विक्रय मूल्य मुद्रास्फीति में भी कमी आई। क्षेत्रवार बात की जाए तो वित्त और बीमा क्षेत्रों ने नए ऑर्डर और कारोबारी गतिविधियों में कहीं अधिक मजबूती दर्ज की।
एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि कारोबारी गतिविधियों में चार माह की उच्च वृद्धि से सेवा कंपनियों ने दिसंबर में मजबूत आशावाद जताया है। भविष्य के संकेतकों जैसे नए कारोबार व भविष्य की गतिविधियों के अनुमान के अनुसार निकट भविष्य में मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।
इनपुट मूल्य मुद्रास्फीति नरम होने से भी कारोबारी रुझान को मदद मिली। विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के विपरीत सेवा पीएमआई ने मजबूती के संकेत दिए हैं। नए कारोबार में वृद्धि, उत्साहजनक पूर्वानुमान और बढ़ती क्षमता ने अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र में नौकरियों के सृजन के दूसरे दौर में मदद की है। नवंबर की तुलना में रोजगार सृजन दर सुस्त रही, लेकिन दिसंबर 2005 के बाद से यह आंकड़ा सबसे मजबूती वाली दर में से एक है।’