Manufacturing PMI: भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ फरवरी में सुस्त रही। देश के मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में गिरावट दर्ज की गई, जो जनवरी में 57.7 से घटकर फरवरी 2025 में 14 महीने के निचले स्तर 56.3 पर आ गया। यह दिसंबर 2023 के बाद का सबसे धीमा विस्तार है। HSBC द्वारा जारी और S&P Global द्वारा संकलित इस रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पादन और बिक्री में सुस्ती के साथ इनपुट खरीदारी 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंचने से यह गिरावट आई। हालांकि, मांग बनी रही, लेकिन महंगाई के दबाव के चलते कंपनियों ने बढ़ती श्रम लागत (labour costs) का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया।
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “फरवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.3 दर्ज किया गया, जो पिछले महीने के 57.7 से थोड़ा नीचे है, लेकिन अब भी विस्तार के दायरे में बना हुआ है।”
उन्होंने बताया कि मजबूत वैश्विक मांग भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा देती रही, जिससे कंपनियों ने खरीदारी गतिविधियों और रोजगार में वृद्धि की। बिजनेस सेंटिमेंट भी मजबूत बना रहा, जिसमें सर्वे में शामिल करीब एक-तिहाई कंपनियों ने अगले साल उत्पादन में और तेजी की उम्मीद जताई। हालांकि, उत्पादन वृद्धि की गति दिसंबर 2023 के बाद सबसे धीमी रही, लेकिन फरवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर समग्र रूप से सकारात्मक स्थिति में बना रहा।