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‘भारत की वृद्धि दर रहेगी 6.7 फीसदी’- एसऐंडपी ग्लोबल

रिपोर्ट में कहा है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2023 में 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2031 में 6.7 लाख करोड़ डॉलर यानी लगभग दोगुना हो जाएगा।

Last Updated- August 03, 2023 | 10:48 PM IST
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 7 फीसदी!, Indian economy likely to expand at around 7% in FY25, says FinMin

अगले कुछ वर्षों में वृद्धि की भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता पर भरोसा जताते हुए एसऐंडपी ग्लोबल ने आज कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2031 तक भारत औसतन 6.7 फीसदी सालाना दर से आगे बढ़ेगा। पूंजी का संचय इसकी वृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा।

एसऐंडपी ग्लोबल ने ‘लुक फॉरवर्ड: इंडियाज मूमेंट’ रिपोर्ट में कहा है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2023 में 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2031 में 6.7 लाख करोड़ डॉलर यानी लगभग दोगुना हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी भी बढ़कर करीब 4,500 डॉलर हो जाएगा।

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पिछले हफ्ते स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2023 में 3.5 लाख करोड़ डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2030 के अंत तक 6 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। उसने कहा था कि विदेश व्यापार और घरेलू खपत बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय 2,450 डॉलर से करीब 70 फीसदी बढ़कर 4,000 डॉलर तक पहुंच जाएगी।

एसऐंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मंदी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के कारण वृद्धि दर 6 फीसदी पर ही सिमट सकती है। फिर भी भारत जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत की निजी कंपनियों के बहीखाते मजबूत होने के कारण धीरे-धीरे निवेश भी बढ़ेगा।

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मुख्य आ​र्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने इस रिपोर्ट के बाद एक खास बातचीत में विनिर्माण क्षेत्र की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2030 तक लगातार 7 से 7.5 फीसदी वृद्धि हासिल करनी है तो उच्च मूल्यवर्द्धित सेवाओं का रुख करना होगा। उन्होंने कहा कि कुशल कामगार, बेहतर बुनियादी ढांचा, शानदार औद्योगिक परिवेश और विशाल घरेलू बाजार के मामले में भारत की स्थिति बेहतर है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि वै​श्विक महामारी को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने खपत पर खर्च करने के बजाय पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निवेश को आगे मुख्य तौर पर निजी क्षेत्र से रफ्तार मिलेगी।

First Published - August 3, 2023 | 10:48 PM IST

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