एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग ने शुक्रवार को कहा कि भारत की क्रेडिट रेटिंग अगले 2 साल तक मौजूदा स्तर पर बनी रहेगी और उसके अगले दो साल तक भारत की वृद्धि दर थोड़ी तेज रहेगी, जिससे सॉवरिन रेटिंग को समर्थन मिलेगा। बहरहाल अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूत रिकवरी को पटरी से उतार सकती है, लेकिन इसका आर्थिक असर पिछले साल की तुलना में कम रहेगा।
मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत का संकुचन आया है। एसऐंडपी ने मार्च में अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था मार्च 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इस सप्ताह की शुरुआत में एसऐंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोविड का संक्रमण बढऩे से भारत की अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति में 9.8 प्रतिशत रहेगी, जबकि मई में संक्रमण उच्च स्तर पर रहेगा। अगर गंभीर स्तिति बनती है और जून के आखिर तक संक्रमण शीर्ष पर जाता है तो जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत पर आ सकती है।
कोविड की दूसरी लहर के भारत पर असर को लेकर आयोजित एक सेमीनार में एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग के डायरेक्टर- सॉवरिन और पब्लिक फाइनैंस रेटिंग एंड्यू वुड ने कहा कि मामूली गिरावट की स्थिति से सरकार की वित्तीय स्थिति पर बहुत असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा ऊपर जाने का दबाव हो सकता है क्योंकि राजस्व सृजन कमजोर रहेगा, लेकिन कर्ज की स्थिति जीडीपी के 90 प्रतिशत पर बनी रहेगी। गंभीर स्थिति में सरकार को और राजकोषीय व्यय करना पड़ सकता है और राजस्व वृद्धि कमजोर रहेगी।