उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी निवेश (एफडीआई) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 59.64 डॉलर पर पहुंच गया।
2020-21 में महामारी के कारण आए व्यवधानों के बावजूद भारत ने अब तक का सबसे ज्यादा कुल एफडीआई प्रवाह हासिल किया। कुल एफडीआई, जिसमें अनिगमित निकायों की इक्विटी पूंजी, पुनर्निवेश से कमाई व अन्य पूंजी शामिल होती है, 81.72 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त वर्ष 2019-20 में कुल प्रवाह 74.39 अरब डॉलर था।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नीतिगत सुधार, निवेश की सुविधा देने, कारोबार सुगमता जैसे सरकार के कदमों से देश के एफडीआई प्रवाह में बढ़ोतरी हुई है। इससे पता चलता है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में वैश्विक निवेशकों के बीच भारत का तरजीही निवेश केंद्र के रूप में दर्जा बना हुआ है।’
सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में एफडीआई का प्रमुख केंद्र लगातार तीसरे साल सिंगापुर बना हुआ है। कुल एफडीआई इक्विटी निवेेश में सिंगापुर की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है। इसके बाद 23 प्रतिशत के साथ अमेरिका दूसरे और 9 प्रतिशत हिस्सेदारी के सात मॉरिशस तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
बयान में कहा गया है, ’10 शीर्ष देशों में सऊदी अरब उन शीर्ष निवेशकों में है, जिसका निवेश प्रतिशत वित्त वर्ष 2020-21 में सबसे ज्यादा बढ़ा है। इसने 281.608 करोड़ डॉलर निवेश किया, जबकि पिछले साल 8.993 करोड़ डॉलर निवेश किया था। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन से एफडीआई प्रवाह क्रमश: 227 प्रतिशत और 44 प्रतिशत बढ़ा है।’
जहां तक राज्यों का सवाल है, एफडीआई हासिल करने में गुजरात शीर्ष पर है, जिसकी कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 2020-21 के दौरान हिस्सेदारी 37 प्रतिशत रही है। इसके बाद महाराष्ट्र व कर्नाटक का स्थान है, जिनकी हिस्सेदारी क्रमश: 27 प्रतिशत और 13 प्रतिशत है। गुजरात ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में सबसे ज्यादा 78 प्रतिशत निवेश आकर्षित किया है। इसके बाद इस क्षेत्र में कर्नाटक और दिल्ली ने क्रमश: 9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत निवेश आकर्षित किया है।
बयान में कहा गया है कि गुजरात में इक्विटी प्रवाह में अहम हिस्सा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हॉर्डवेयर (94 प्रतिशत) और निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों का 2 प्रतिशत रहा है।