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जोखिम उठाने आगे आएं उद्योग

Last Updated- December 12, 2022 | 1:57 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने पिछली सरकारों की पुरानी मानसिकता को छोड़ते हुए आर्थिक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगों से इन सुधारों का लाभ उठाने के लिए आगे आने और जोखिम उठाने के प्रयास करने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि सरकार ने पिछली तिथि से कर लगाने की व्यवस्था को खत्म कर दिया है और कृषि के साथ ही श्रम सुधार के भी उपाय कर रही है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘हमने जो सुधार किए हैं वह आसान और साधारण नहीं हैं। इन सुधारों पर दशकों से बात हो रही थी। हर कोई इन बदलावों की जरूरत के बारे में बात करता था लेकिन निर्णय नहीं हो पा रहा था क्योंकि इनकी राह बहुत कठिन थी। लेकिन हमने इस दिशा में कदम उठाए और पूरी प्रतिबद्घता के साथ महामारी के दौरान भी सुधार की प्रक्रिया को जारी रखा।’ 
उन्होंने कहा कि अतीत की गलतियों को सुधारते हुए सरकार ने पिछली तिथि से कराधान व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय लिया, जिसे उद्योगों ने भी सराहा है। इस संबंध में मॉनसून सत्र में ही विधेयक पारित किया गया है। मोदी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि सरकार और उद्योग के बीच भरोसा और मजबूत होगा। सरकार राष्ट्रहित में बड़े से बड़ा जोखिम उठाने के लिए तैयार है और अब उद्योग को भी जोखिम लेने की प्रवृत्ति दिखानी चाहिए।’ निवेशक पिछली सरकारों की कराधान नीति से भयभीत थे लेकिन अब देश में कॉर्पोरेट कर की दरें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं और कर व्यवस्था में मानवीय हस्तक्षेप भी नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग के प्रयास से अर्थव्यवस्था जोर पकड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘एक भी दिन ऐसा नहीं होता है जब किसी कंपनी को मुख्य कार्याधिकारी नए अवसरों को लेकर बयान जारी न करता हो। हमने आईटी क्षेत्र में रिकॉर्ड नियुक्तियों की खबरें पढ़ी हैं।’ मोदी ने कहा कि अन्य विधेयक के साथ ही फैक्टरिंग रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक छोटे कारोबारों को आसान ऋण लेने में मदद करेगा, वहीं जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (संशोधन) विधेयक से छोटे जमाकर्ताओं को मदद मिलेगी। वाणिज्यिक खनन तथा अंतरिक्ष एवं परमाणु क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र के लिए रणनीतिक के साथ साथ गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को भी खोल रही है। 
उन्होंने कहा कि देश विभिन्न क्षेत्रों में पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। इस संदर्भ में उन्होंने स्टार्टअप का उदाहरण दिया। मोदी ने कहा, ‘स्टार्टअप आत्मनिर्भर बन रहे हैं। पिछले 7-8 साल में देश में 3 से 4 यूनिकॉर्न स्टार्टअप थे लेकिन अब 60 यूनिकॉर्न हैं और इनमें से 21 का गठन पिछले कुछ महीनों में ही किया गया था।’ हाल के समय में स्टार्टअप की सूचीबद्घता के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार के लिए यह नए युग की शुरुआत है।

कृषि कानूनों पर किसानों के विरोध के मद्देनजर मोदी ने कहा कि किसानों को घरेलू और विदेशी बाजारों से सीधे तौर पर जोडऩे के प्रयास किए गए हैं। यह पुरानी मानसिकता के एकदम उलट है। उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिता लाई गई है जिससे उद्योग और श्रमिकों को कानूनों के जटिल ढांचे से छुटकारा मिलेगा।

First Published - August 11, 2021 | 9:50 PM IST

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