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निवेश में तेजी लाए उद्योग जगत

Last Updated- December 12, 2022 | 1:53 AM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय उद्योग जगत का आह्वान किया है कि वह पूरा जुनून दिखाए और अर्थव्यवस्था को महामारी की चोट से उबारने में सरकार की मदद करने के लिए नया निवेश करे। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की सालाना बैठक को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारतीय उद्योग को बड़ी ताकत के साथ आगे आना चाहिए क्योंकि आज जोखिम लेने की क्षमता दिखाने और कारोबार के विस्तार के लिए फैसले लेने का वक्त है। मैं आप सभी से चुनौतियों का डटकर सामना करने और सरकार की मदद करने का न्योता देती हूं। शेयर बाजार आपको रास्ता दिखा रहा है। उस पर बढि़ए।’
कोविड-19 के कारण मार्च 2020 में बिल्कुल लुढ़क गए बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी वहां से दोगुने से भी ज्यादा चढ़ चुके हैं। वैश्विक स्तर पर बेहतर तरलता के कारण कंपनियां रिकॉर्ड संख्या में शेयर बेच रही हैं और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अब केवल बैंक जमा पर ही भरोसा नहीं करते हैं बल्कि शेयर बाजार में जा रहे हैं और अच्छी तथा पारदर्शी कंपनियों में निवेश भी कर रहे हैं। निवेश के रुझान का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के बाद से हर महीने तीन लाख डीमैट अकाउंट खोले जा रहे हैं, जबकि इससे पहले एक लाख डीमैट अकाउंट खोले जा रहे थे। 

सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भी सराहना की और कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार का संबंध साझेदार की तरह है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने भी इस गति को बरकरार रखा है। राजकोषीय पहलू का ध्यान वित्त मंत्रालय रख रहा है। मंत्रालय और केंद्रीय बैंक दोनों से वृद्घि को बढ़ावा दिया जाएगा।
वृद्घि बनाम मुद्रास्फीति पर उन्होंने कहा कि यह चर्चा का विषय नहीं है। मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि पिछले सात वर्षों में मुद्रास्फीति कभी भी 6.1-6.2 फीसदी के पार नहीं गई है।

कम ब्याज दर पर बजाज फिनसर्व के प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आरबीआई ने तरलता घटाने का कोई संकेत नहीं दिया है क्योंकि उच्च स्तर की वृद्घि के लिए अर्थव्यवस्था को इसकी जरूरत है।’ 
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर वह भारत को ऊर्जा जैसे कुछ क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ते देखना चाहती हूं। उन्होंने निजी क्षेत्र से कहा कि देश को अक्षय ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद के लिए उसे क्षमता निर्माण करना चाहिए। सीतारमण ने कहा, ‘हमें सोलर पैनल एवं अक्षय ऊर्जा से संबंधित अन्य उत्पादों के निर्माण के लिए क्षमता विकसित करने की जरूरत है। हमें चिप बनाने वाली कंपनियों को भारत लाना चाहिए और हाइड्रोजन में क्षमता विकसित करनी चाहिए। हम जीवाश्म ईंधन के लिए काफी खर्च करते हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को प्रभावित कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में रिलायंस के कदम से हम स्थानीय स्तर पर उपकरणों का उत्पादन करने में सक्षम होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी की भरपाई कारोबारों पर कर लगाकर नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘किसी भी व्यक्ति या उद्योग ने महामारी से निपटने के लिए हमसे एक पैसा भी नहीं मांगा है।’ सीतारमण ने कहा कि इस साल राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा समय पर अदा किया जाएगा ताकि वे विकास की गतिविधियां शुरू कर सकें। राजस्व में सुधार हुआ है और राजकोषीय घाटा कम होने के स्पष्टï संकेत मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए प्रतिबद्घ है और वृद्घि को तेज करने के लिए वह सभी जरूरी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार 620 अरब डॉलर है जो अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। विनिवेश के मोर्चे पर चर्चा में वित्त मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया, बीपीसीएल और कॉनकॉर का विनिवेश इस साल हो जाएगा।

First Published - August 13, 2021 | 1:36 AM IST

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