चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के अब तक जारी कंपनियों के नतीजों से संकेत मिलता है कि उद्योग जगत को कोविड-19 अनलॉक से फायदा हुआ है। अब तक नतीजे जारी करने वाली 104 कंपनियों का एकीकृत शुद्घ मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 9.8 फीसदी बढ़ा है। इससे पिछली दो तिमाहियों में मुनाफे में खासी गिरावट आई थी। उदाहरण के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन कंपनियों का एकीकृत शुद्घ मुनाफा 3.4 फीसदी घटा था जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में मुनाफा 20.1 फीसदी बढ़ा था।
जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही में इन कंपनियों की एकीकृत आय (वित्तीय कंपनियों के मामले में ब्याज आय) सालाना आधार पर 5.6 फीसदी बढ़ी है जबकि जून तिमाही में इसमें 3.3 फीसदी की गिरावट आई थी। पिछले साल सितंबर तिमाही में आय 7.6 फीसदी बढ़ी थी।
आर्थिक गतिविधियों में ढील का सकारात्मक असर खास तौर पर विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में दिखा है। विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र की 76 कंपनियों का संयुक्त शुद्घ मुनाफा सितंबर तिमाही में पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 23.2 फीसदी बढ़ा है जबकि पिछली तीन तिमाहियों से इसमें गिरावट देखी जा रही थी। जून 2020 तिमाही में इन कंपनियों का शुद्घ मुनाफा 41.3 फीसदी कम था। इन कंपनियों की कुल शुद्घ बिक्री भी सालाना आधार पर 4.5 फीसदी बढ़ी है, जो पिछली पांच तिमाहियों में सर्वाधिक है। अप्रैल-जूून तिमाही में इन कंपनियों की शुद्घ बिक्री में 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
बैंक और आईटी सेवा निर्यातकों पर कोविड लॉकडाउन का सबसे कम असर पड़ा क्योंकि उन्हें परिचालन करने की अनुमति थी। हालांकि विश्लेषक भारतीय उद्योग जगत की वृद्घि परिदृश्य को लेकर सतर्क हैं। इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘सालाना आधार पर कंपनियों की आय अच्छी दिख रही है लेकिन प्रमुख क्षेत्रों में बिक्री के आंकड़े अभी भी कम हैं, जो अर्थव्यवस्था में नरम मांंग को दर्शाते हैं।’
उन्होंने निवेशकों को सतर्क करते हुए कहा कि छोटे आकार के विश्लेषण का बहुत ज्यादा मतलब नहीं निकालना चाहिए। कई बड़ी कंपनियों ने अभी अपने नतीजे घोषित नहीं किए हैं।
सीमेंट निर्माता और धातु उत्पादक कंपनियों पर कम बिक्री का असर दिख सकता है। एसीसी की शुद्घ बिक्री सालाना आधार पर लगभग सपाट रही। हालांकि कंपनी का परिचालन मुनाफा 17 फीसदी और शुुद्घ मुनाफा 20 फीसदी बढ़ा है। असल में यह परिचालन मार्जिन में सुधार से हुआ है। एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो की आय सालाना आधार पर एक अंक में बढ़ी है या उसमें गिरावट आई है।