उद्योग जगत की अग्रणी संस्था फिक्की ने खाद्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को एक पांच-सूत्रीय कार्यक्रम सुझाया है। फिक्की का दावा है कि उक्त पांच-सूत्रीय कार्यक्रम से खाद्य उद्योग को 2006-07 में 8,80,000 करोड़ से वर्ष 2015 तक 13,20,000 करोड़ तक बढ़ाया जा सकता है।
फिक्की द्वारा सुझाए गये मानकों में उक्त योजनाओं को रेखांकित किया गया है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की निगरानी में एक अंतर-मंत्रालय कार्य समिति का गठन किया जाय, जिसके लिए फिक्की को सेवा प्रदाता बनाया जाए।
सभी खाद्य श्रृंखलाओं के परिप्रेक्ष्य में कृषि व्यवसाय को मजबूती प्रदान करना, भारी मात्रा में उत्पादन की स्थिति में लागू होने वाले ढांचागत कर पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन और उत्पादों के अंतिम मूल्य में कमी, आधुनिक खाद्य खुदरा व्यवसाय के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण, एपीएमसी अधिनियम और एफएसएसए अधिनियम को सख्ती से लागू करना।
फिक्की का मानना है कि सर्वाधिक लाभ खुदरा उद्योग से मिल सकता है। फिक्की का मानना है कि आगामी 5 वर्षों में खुदरा उद्योग 30 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है और जिसका राजस्व 2010 तक 110 अरब रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है।
फिक्की के मुताबिक, फल एवं सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, समुद्री खाद्य एवं मछलियां, मांस एवं मुर्गीपालन, खाद्य तेल, मसालों, मद्य एवं गैर-मद्य पेय, बेकरी उत्पाद, मिष्ठान्न और खाद्य पदार्थों आदि इस उद्योग के प्रमुख खंड हैं, जो बड़े पैमाने पर विकास की संभावनाएं व निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देगी।