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प्रमुख क्षेत्र 9 माह के निचले स्तर पर

Last Updated- December 11, 2022 | 10:30 PM IST

नवंबर महीने में 8 बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई है, जो 9 माह का निचला स्तर है। डर है कि 2022 के शुरुआती महीनों में कोरोनावायरस महामारी की तीसरी लहर वृद्धि की रफ्तार को सुस्त कर सकती है, जिसकी वजह से ज्यादातर क्षेत्रों की गतिविधियों में गिरावट आई है।
उद्योग विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ फर्टिलाइजर का उत्पादन नवंबर महीने में बढ़ा (2.5 प्रतिशत) है, जबकि सीमेंट का उत्पादन 10 महीने के अंतराल के बाद ऋणात्मक (-3.2 प्रतिशत) हो गया है।  अन्य सभी क्षेत्रों जैसे कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, स्टील और बिजली उत्पादन में पिछले महीने की तुलना में कमी आई है।
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन उम्मीद से ज्यादा कम रहना यह दिखाता है कि  दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में आपूर्ति में व्यवधान जैसी वजहों के कारण त्योहारी मौसम में आई गति सुस्त पड़ गई है। उन्होंने कहा, ‘प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि में उल्लेखनीय बदलाव और जीएसटी के ईवे बिल में गिरावट से हम उम्मीद करते हैं कि आईआईपी वृद्धि नवंबर 2021 में  2.5 प्रतिशत के नीचे रहेगी।’
विश्व बैंक और मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था में क्रमश: 8.3 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। इक्रा लिमिटेड ने इस सप्ताह की शुरुआत में वित्त वर्ष 22 के लिए वृद्धि अनुमान 9 प्रतिशत बरकरार रखा था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 22 मेंं सालाना जीडीपी वृद्धि 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है, हालांकि केंद्रीय बैंक ने दिसंबर तिमाही का वृद्धि अनुमान 6.8 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत करक दिया है और मार्च तिमाही की वृद्धि का अनुमान 6.1 प्रतिशत से कम करके 6.1 प्रतिशत कर दिया है। सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत बढ़ी है, जो महामारी के पहले के आकार को पार कर गई है, क्योंकि टीकाकरण बढऩे के बाद सेवा गतिविधियां तेज हुईं और जून तिमाही में महामारी के व्यवधान के बाद स्थिति तेजी से सामान्य हुई थी।
राजकोषीय घाटा 11 साल के निचले स्तर पर
वहीं लेखा महानियंत्रक की ओर से आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर तक सरकार वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में पूरे साल के राजकोषीय घाटे के  लक्ष्य के  46.2 प्रतिशत तक ही पहुंची है। ग 11 साल का सबसे निचला स्तर है।  कर राजस्व में जोरदार बढ़ोतरी की वजह से ऐसा हो सका है।
इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि कमजोर विनिवेश प्रदर्शन के बावजूद उनका मानना है कि वित्त वर्ष 22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.6 प्रतिशत रहेगा, जो बजट में लगाए गए जीडीपी के 6.8 प्रतिशत  अनुमान की तुलना में कम है। पंत ने कहा, ‘नवंबर में पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद नवंबर महीने में सकल कर राजस्व 18.2 प्रतिशत बढ़ा है और अप्रैल नवंबर अवधि के दौरान यह 50.3 प्रतिशत रहा है। बहरहाल नवंबर में शुद्ध कर राजस्व 18.6 प्रतिशत घटा है क्योंकि केंद्रीय कर में राज्यों की हिस्सेदारी इस महीने बढ़कर 95,082 करोड़ रुपये हो गई है।’ बहरहाल ब्रिकवर्क रेटिंग्स में मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंद राव ने कहा कि पूरक अनुमान मांग के अतिरिक्त बोझ और सरकार द्वारा विनिवेश लक्ष्य हासिल न कर पाने की संभावना को देखते हुए यह संभावना है कि सराकर राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.8 प्रतिशत रहने के बजट अनुमान की तुलना में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी का 7 प्रतिशत रहेगा।’ 

First Published - December 31, 2021 | 11:23 PM IST

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