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ड्रोन परिचालन के लिए नियमों का बोझ हल्का

Last Updated- December 12, 2022 | 1:32 AM IST

सरकार ने आज नए ‘ड्रोन नियम, 2021’ की घोषणा की, जिनसे मंजूरी की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, स्व-प्रमाणन की मंजूरी मिलेगी और कागजी कार्रवाई एवं शुल्क कम हो जाएंगे। उद्योग ने नए नियमों का स्वागत किया है। ये नियम मानव रहित वायुयान प्रणाली नियम, 2021 की जगह लेंगे, जिन्हें इस साल मार्च में ही लागू किया गया था। नए नियमों की जरूरत इसलिए महसूस की गई क्योंकि उद्योग ने कहा कि ड्रोन कंपनियों के लिए मौजूदा नियमों का पालन करना मुश्किल है। इन कंपनियों में से बहुत सी नए जमाने की स्टार्टअप हैं। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘नए ड्रोन नियमों से भारत में इस क्षेत्र के लिए एक नया युग शुरू होगा। ये नियम भरोसे और स्व-प्रमाणन पर आधारित हैं। मंजूरियों, अनुपालन जरूरतों और प्रवेश की अड़चनों में अहम कमी की गई है।’

इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि ड्रोन ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस की जरूरत को आसान बनाने, परिचालन बंदिशों में ढील और जुर्माने घटाने का फैसला जुलाई में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। यह बैठक जम्मू में ड्रोन से आतंकी हमले के कुछ ही दिन बाद हुई थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए थे। 
सूत्रों ने कहा कि ड्रोन के सुरक्षा पहलुओं को लेकर चिंताएं थीं। शीर्ष सरकारी अधिकारियों का विचार था कि ड्रोन उद्योग पर प्रतिबंध लगाने से एक उभरता क्षेत्र खत्म हो जाएगा, जिसमें भविष्य में बहुत सी संभावनाएं हैं। 

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘ड्रोन नीति इतिहास रच देगी। हम मानते हैं कि आमूलचूल बदलाव लाने के लिए लिए एक तंत्र की स्थापना की जानी चाहिए।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत 2030 तक ड्रोन विनिर्माण का केंद्र बन जाएगा।  
सिंधिया ने कहा कि सरकार ड्रोन के लिए बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट ऑपरेशन (बीवीएलओएस) की मंजूरी देने पर काम कर रही है। नजर के दायरे में आने वाली उड़ान पर पायलट की नजर रहती है मगर बीवीएलओएस में ड्रोन को नजर के दायरे से बाहर उडऩे की मंजूरी दी जाती है, जिससे परिचालन की लागत कम होती है। इससे खाना या दवा पहुंचाने जैसे वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो जाता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने हाल में तीन कंपनियों- थ्रॉटल एयरोस्पेस, एएनआरए टेक्नोलॉजीज और दक्ष अनमैन्ड सिस्टम्स को बीवीएलओएस परिचालन की खातिर परीक्षण शुरू करने के लिए चुना है। 

नए नियमनों में बहुत से बदलाव प्रस्तावित हैं जैसे ड्रोन के परिचालन से पहले मंजूरी के लिए भरे जाने वाले फॉर्मों की संख्या 25 से घटाकर छह कर दी गई है। इसके अलावा पहले विशिष्ट स्वीकृति संख्या, ऑपरेटर परमिट जैसी बहुत सी मंजूरियां लेनी होती थीं, जिन्हें अब खत्म कर दिया गया है। नियमों में ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, जिनमें भारी सामान ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सी भी शामिल होंगे।

First Published - August 27, 2021 | 12:54 AM IST

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