facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

महाराष्ट्र सरकार भी किसानों को खुश करने का मन बना रही

Last Updated- December 05, 2022 | 4:34 PM IST

चुनावी मौसम और केंद्र के 60 हजार के कर्ज माफी पैकेज की घोषणा के बाद महाराष्ट्र सरकार भी किसानों को खुश करने का मन बना रही है।


सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिससे अवैध महाजनों के चंगुल में फंसकर जमीन गिरवीं रख चुके किसानों को उनकी जमीन वापस दिलाई जाए।


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख का बयान महाराष्ट्र विधानसभा में उस समय आया जब केंद्र की संसद में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी किसानों के कर्ज माफी के बारे में भूमि की सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे।


 देशमुख ने किसानों को खुश करने वाली यह बातें राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद भाषण में कही। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के बाद भी आत्महत्या पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।


उन्होंने कहा, ‘बैंक का कर्ज चुकाने के लिए अवैध महाजनों से धन लेना गांवों में एक सामान्य प्रक्रिया है।


कानून और न्याय मंत्रालय को इस संभावना की तलाश करनी चाहिए कि इसके बारे में एक कानून बने, जिससे राज्य सरकार महाजनों से किसानों की जमीन वापस दिला सके। ‘


राज्य सरकार की राय है कि विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को राहत मिलनी चाहिए जहां अन्य इलाकों की तुलना में किसानों के पास ज्यादा जमीन है।


साथ ही जमीन की सीमा भी 5 एकड़ से बढ़ाकर 15 एकड़ किया जाना चाहिए। देशमुख ने कहा, ‘हमने इसके लिए पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। राज्य सरकार को आश्वासन भी मिला है कि केंद्र इस मसले पर गंभीरता से विचार करेगा।


उन्होंने किसान कर्ज माफी के लागू होने के पहले हमसे अन्य सुझाव भी मांगे हैं।’


उन्होंने कहा कि अगर कुछ किसान कर्ज माफी के पैकेज से छूट गए हैं तो राज्य सरकार अपने श्रोतों से भी उन्हें राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी एक बार की योजना है।


 हमें  कर्ज के भुगतान की संस्कृति विकसित करनी होगी। अगर किसानों को कम ब्याज पर कर्ज दिया जाने लगेगा तो वे समय से भुगतान करने में सक्षम हो जाएंगे।

First Published - March 14, 2008 | 9:24 PM IST

संबंधित पोस्ट