कोविड-19 से बदहाल विनिर्माण गतिविधियां पटरी पर लौटने के पुख्ता संकेत मिलने लगे हैं। आईएचएस मार्किट द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में देश में विनिर्माण पर्चेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 58.9 तक पहुंच गया। 2010 के बाद पीएमआई का यह सर्वश्रेष्ठ स्तर है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इससे पिछले महीने यानी सितंबर में भी विनिर्माण पीएमआई 8 साल के सर्वोच्च स्तर 56.8 पर था। पीएमआई 50 से अधिक होने का मतलब है पिछले महीने के मुकाबले उस महीने में विनिर्माण गतिविधियां बढ़ी हैं। पीएमआई की तुलना साल भर पहले के महीने से नहीं बल्कि ठीक पिछले महीने से होती है।
आईएचएस मार्किट की मासिक रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर 2007 के बाद से विनिर्माण उत्पादन में यह सबसे तेज बढ़ोतरी रही, जिसका कारण बिक्री में उछाल को बताया जा रहा है। साथ ही विनिर्माताओं ने अक्टूबर में कच्चा माल भी जमकर खरीदा। विभिन्न क्षेत्रों में कामकाज शुरू होने से उनका उत्साह 50 महीने की बुलंदी पर पहुंच गया। मगर रोजगार के मोर्चे पर खबर अच्छी नहीं है। कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों के कारण कंपनियों के नियमित कर्मचारियों की संख्या सितंबर से भी कम रही। बहरहाल सितंबर और अक्टूबर में बिजली की मांग, यातायात, रेल माल ढुलाई, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के आंकड़े तस्वीर बेहतर होने का इशारा कर रहे हैं।
अक्टूबर में पिछले 10 साल का सबसे मजबूत पीएमआई आंकड़ा आने से अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी बेहतर रहने की उम्मीद है क्योंकि पिछले एक साल से विनिर्माण के आंकड़ों का योगदान काफी कम रहा है।
आएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि कंपनियों को आने वाले महीनों में भी बिक्री में उछाल बरकरार रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘साल की शुरुआत में कोविड-19 का झटका लगने के बाद से नए कारोबारी ठेकों और उत्पादन में इजाफा देखा जा रहा है। अक्टूबर में पीएमआई के मजबूत आंकड़े पिछले कई साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं।’
विनिर्माण गतिविधियों में तेजी मोटे तौर पर इस्पात एवं पूर्ण उत्पाद तैयार करने में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की मांग बढऩे से हुई है। इससे संकेत मिल रहा है कि सुस्ती के बाद इनका भंडारण तेजी से शुरू कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता एवं निवेश वस्तुओं में भी तेजी दिखी है। सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में बिक्री में जो इजाफा हुआ, वह 12 साल में सबसे तेज इजाफा रहा।