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विनिर्माण पीएमआई मई में मामूली घटकर 54.6

Last Updated- December 11, 2022 | 6:31 PM IST

कीमतों में वृद्धि के बावजूद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर की वजह से मई के दौरान देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि स्थिर रही।
एसऐंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में 54.6 दर्ज किया गया था, जिसमें अप्रैल के 54.7 से कुछ बदलाव आया है। अप्रैल में दर्ज की गई रफ्तार से नए ऑर्डर और उत्पादन में बढ़ोतरी जारी रही।
50 से ऊपर का स्तर विस्तार की ओर इशारा करता है, जबकि 50 से नीचे का स्तर संकुचन का संकेत देता है। एसऐंडपी ग्लोबल ने एक बयान में कहा कि 50 से ऊपर का यह स्तर 11वें महीने वाला और परिचालन स्थितियों में ठोस सुधार के अनुरूप रहा। इसमें कहा गया है कि पिछले साढ़े आठ साल में सर्वाधिक तीव्र गति से बिक्री मूल्य बढ़ने के बावजूद कंपनियों ने नया काम हासिल किया, क्योंकि अतिरिक्त लागत का बोझ ग्राहकों पर डालना जारी रखा गया। बिक्री मूल्य में एक और इजाफे के बावजूद मई के दौरान मांग में लचीलेपन के संकेत दिखाए जिससे इसमें और सुधार हुआ।
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में एसोसिएट निदेशक (अर्थशास्त्र) पोलियाना डी लीमा ने कहा कि 11 साल में अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सर्वाधिक तीव्र वृद्धि की वजह से कुल नए ऑर्डरों में और विस्तार हुआ। मांग के लचीलेपन के जवाब में कंपनियों ने स्टॉक के पुनर्निर्माण के अपने प्रयास जारी रखे और इसके अनुसार अतिरिक्त श्रमिकों को काम पर रखा। विनिर्माताओं ने मांग में निरंतर सुधार और कोविड-19 के प्रतिबंधों में ढील की वजह से मई में उत्पादन बढ़ाना जारी रखा, जो उत्पादन के दामों में और इजाफे का संकेत है।
डी  लीमा ने कहा कि मई के दौरान इनपुट के दामों की मुद्रास्फीति दर में बहुत कम उतार-चढ़ाव था, जो ऐतिहासिक रूप से अधिक बनी हुई है।

First Published - June 2, 2022 | 1:24 AM IST

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