मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स का सोमवार को एक्सचेंजों पर शानदार आगाज हुआ। कंपनी का शेयर 216 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ, जो इश्यू प्राइस के मुकाबले 49 फीसदी ज्यादा है। हालांकि इस शेयर ने कुछ बढ़त गंवा दी और कारोबारी सत्र की समाप्ति पर 19 फीसदी की बढ़त के साथ 173 रुपये पर बंद हुआ। दूसरी ओर यूटीआई एएमसी का शेयर इश्यू प्राइस 554 रुपये के मुकाबले 11 फीसदी की छूट के साथ सूचीबद्ध हुआ। यह शेयर अंत में 14 फीसदी की छूट के साथ 476.6 रुपये पर बंद हुआ। सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण 6,042 करोड़ रुपये रहा।
मझगांव डॉक के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को 157.4 गुना बोली मिली थी। सरकार ने कंपनी की 15.2 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 444 करोड़ रुपये जुटाए। मझगांव डॉक जंगी जहाज और पनडुब्बी के निर्माण व मरम्मत से जुड़ी है, जिसका इस्तेमाल भारतीय नौसैनिक करते हैं और अन्य का इस्तेमाल वाणिज्यिक क्लाइंट करते हैं।
मझगांव डॉक एकमात्र शिपयार्ड है, जिसने भारती नौसेना के लिए अलग-अलग तरह की पनडुब्बी का निर्माण किया है। कई विश्लेषकों ने आकर्षक मूल्यांकन, मजबूत ऑर्डर बुक और सरकार की रक्षा खरीद नीति का हवाला देते हुए निवेशकों को आईपीओ में निवेश की सलाह दी थी। आईआरसीटीसी और कोचीन शिपयार्ड अन्य सरकारी कंपनियां हैं जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में अपने आईपीओ में निवेशकों की शानदार प्रतिक्रिया मिली थी।
यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के आईपीओ को 2.3 गुना आवेदन मिले थे। आईपीओ में भारतीय स्टेट बैंक, एलआईसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और टी रो प्राइस की हिस्सेदारी बिक्री हुनई। आईपीओ से पहले यूटीआई एएमसी ने एंकर निवेशकों से 645 करोड़ रुपये जुटाए थे। विश्लेषकों ने कहा कि यूटीआई एएमसी लाभ की रफ्तार के मामले में चुनौतियों का सामना कर रही है। शायद इस वजह से भी आईपीओ को लेकर अपेक्षाकृत ठंडी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
यूटीआई एएमसी कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है। कंपनी वैयक्तिक व संस्थागत निवेशकों के सामने अलग-अलग तरह के फंडों की पेशकश करती है और सेवाएं देती है। कंपनी यूटीआई मम्युचुअल फंड के देसी म्युचुअल फंडों का प्रबंधन करती है और संस्थागत क्लाइंटों व धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) को पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं देती है। वह रिटायरमेंट फंड, ऑफशोर फंड और ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंडों का भी प्रबंधन करती है।
31 मार्च, 2020 को कंपनी के 1.09 करोड़ सक्रिय फोलियो थे और उनके क्लाइंटों का आधार भारतीय म्युचुअल फंडों की तरफ से प्रबंधित 8.97 करोड़ फोलियो का 12.2 फीसदी है। यूटीआई एएमसी, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट और एचडीएफसी एएमसी के बाद भारत में सूचीबद्ध होने वाली तीसरी कंपनी है।