प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गति शक्ति या मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आए और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़े।
मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में मास्टर प्लान की शुरुआत के मौके पर कहा कि गति शक्ति राष्ट्रीय योजना से निर्धारित समयावधि में सरकारी परियोजनाओं के पूरे होने की सटीक जानकारी मिलेगी। इससे नीति-निर्माण प्रभावी बनेगा और सरकार के अनावश्यक खर्च में कमी आएगी।
मोदी ने कहा, ‘जिस तरह हम जैम – जनधन, आधार और मोबाइल – की तिकड़ी की मदद से देश में सरकारी सुविधाएं सही लाभार्थियों तक तेजी से पहुंचाने में सफल रहे हैं, वही काम गति शक्ति बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में करेगी।’ इस योजना से पूरे देश में बुनियादी ढांचे की योजना से लेकर क्रियान्वयन तक की संपूर्ण तस्वीर सामने आ रही है।
गति शक्ति उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अगुआई वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना बनाने एवं समन्वित क्रियान्वयन करने के लिए रेल एवं सड़क समेत 16 मंत्रालयों को जोड़ेगा।
अब तक विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में एक-दूसरे से कोई तालमेल नहीं था, जिससे फैसले लेने और आर्थिक विकास की रफ्तार पर असर पड़ रहा था। यह मास्टर योजना शुरू होने से परियोजनाओं की योजना एवं डिजाइन अलग-अलग बनेंगी मगर उन्हें एक साझा नजरिये से क्रियान्वित किया जाएगा। इस तरह अलग-अलग मंत्रालयों के बीच की खाई पट जाएगी।
मोदी ने कहा, ‘हमारे निजी क्षेत्र के उद्यमियों को भी ठीक से नहीं पता होता कि सड़क यहां से गुजरेगी या नहर इधर से बनने जा रही है या यहां बिजली संयंत्र लगने जा रहा है। इस वजह से वे किसी भी क्षेत्र को लेकर योजना नहीं बना पाते हैं। इन सब समस्याओं का समाधान प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना से हो जाएगा।’
यह मास्टर योजना आर्थिक जोन और उनकी मदद के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा संपर्क के आधार पर बनाई गई है। इसका मकसद सभी मल्टी मोडल संपर्क पयिोजनाओं को जोडऩा और लोगों, माल एवं सेवाओं के सुगम आवागमन के लिए टूटे संपर्क को जोडऩा है। यह व्यापक खाका बुनियादी ढांचे के विकास की समग्र तस्वीर और देश भर में विभिन्न आर्थिक जोनों, बुनियादी ढांचे और यूटिलिटीज के पूरे होने की समयसीमा के आधार पर अहम ब्योरे पेश करता है।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर, लीडर (सरकारी एवं सार्वजनिक सेवाएं) अरिंदम गुहा ने कहा कि अगर बुनियादी ढांचे में हुए निवेश से कम से कम समय में जीडीपी को अधिक से अधिक बढ़ाना है तो उन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए, जो अहम कारोबारी मार्गों का हिस्सा हैं।’
गुहा ने कहा, ‘उदाहरण के लिए अहम सड़क एवं रेल संपर्क लिंकेज या बंदरगाह या हवाई अड्डे औद्योगिक गलियारों जैसे डीएमआईसी, पूर्वी तट आर्थिक गलियारे या अमृतसर कोलकाता माल ढुलाई गलियारे आदि का इन कॉरिडोरों में बनने वाले विभिन्न उत्पादों के कारोबारी आवागमन पर बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा। आखिरी छोर के संपर्क बुनियादी ढांचे और बड़े परिचालित एवं आगे आने वाले औद्योगिक पार्कों के मामले में भी ऐसा ही है।