केंद्र सरकार 6 लाख करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्ति के विक्रय की योजना तैयार करने में जुटी है। निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि इस योजना के तहत पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) और राष्टï्रीय राजमार्गों सहित अन्य इकाइयों की परिसंपत्तियां बेचकर राजस्व जुटाया जाएगा।
पांडेय ने कहा, ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना में पावर ग्रिड की पाइपलाइन से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों, टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) आदि परिसंपत्तियां होंगी।’ भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना सत्र में पांडेय ने कहा कि पीजीसीआईएल का इनविट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है जिससे एक नियामकीय ढांचा तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे कई नियमन एव प्रक्रियाएं तैयार हुई हैं। पांडेय ने कहा कि गेल का दूसरा इनविट भी जल्द आने वाला है और इस पर तेजी से काम चल रहा है।
रेलवे स्टेशनों के मामले में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए निविदाएं घोषित हो चुकी हैं और हवाईअड्डों के प्रबंधन में भी यह ढांचा सफल रहा है। पांडेय ने कहा, ‘परिसपंत्ति मुद्रीकरण की एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है जिसमें निजी क्षेत्र के भाग लेने की भी उम्मीद की जा रही है।’
संभवित कंपनियों की परिसंपतियों के मुद्रीकरण पर लगातार निगाह रखने के लिए एक नियंत्रण पट (डैशबोर्ड) भी तैयार किया है। इस व्यवस्था से निवशकों को भी पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए रखने में मदद मिलेगी। नीति आयोग ने संभावित मौजूदा ढांचागत परिसंपत्तियों की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएएमपी) योजना को अंतिम रूप दे दिया है और सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 2.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है। एनएमपी वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की चार वर्ष की अवधि के लिए तैयार की गई है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि अगले पांच वर्षों के लिए केंद्र राष्ट्रीय परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत राज्यों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय कर सकता है।