facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

दामों में अस्थिरता पर मूडीज ने चेताया

Last Updated- December 11, 2022 | 5:27 PM IST

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में खाद्य व ऊर्जा की कीमतों में उतार-चढ़ाव और कीमतों में बहुत ज्यादा संवेदनशीलता को लेकर फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम के साथ भारत को चेतावनी दी है। मूडीज का कहना है कि रूस और यूक्रेन में टकराव के कारण आपूर्ति शृंखला बाधित हो रही है और कृषि उत्पादों, खासकर मोटे अनाज व खाद्य तेल के दाम के साथ-साथ उर्वरकों व कृषि में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिनका असर इन देशों पर बहुत ज्यादा है।
मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट में ऊर्जा व खाद्य मूल्यों का अधिभार ज्यादा है।
भारत के सीपीआई में ऊर्जा व खाद्य का अधिभार 55 प्रतिशत से ज्यादा है। जून में लगातार चौथे महीने महंगाई दर 7 प्रतिशत से ज्यादा रही है, हालांकि यह मई में 7.97 प्रतिशत से घटकर 7.75 प्रतिशत आई है। वहीं दूसरी तरफ ईंधन व बिजली की महंगाई दर जून महीने में बढ़कर दो अंकों में 10.39 प्रतिशत पर आ गई,  जो इसके पहले महीने में 9.54 प्रतिशत पर थी, जबकि केंद्र व राज्यों द्वारा डीजल व पेट्रोल पर शुल्क में कटौती के बाद इसकी कीमत घटी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल प्रमुख उत्पादक राज्यों के कुछ इलाकों में फसल खराब हुई है और इस पर रूस यूक्रेन युद्ध के अलावा भारत की गर्म हवाओं का असर पड़ा है। गर्म हवाओं ने भारत में खासकर गेहूं की फसल खराब की है, जिसकी वजह से यह महंगा हुआ है। इससे अन्य फसलों जैसे आम, अमरूद और मिर्च पर भी असर पड़ा है। 2022 में भारत में पर्यावरण की स्थिति पर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि  भारत में 11 मार्च से 18 मई के बीच 280 हीट वेव वाले दिन रहे हैं, जो 12 साल में सर्वाधिक है।
मूडीज ने कहा है कि भारत व अन्य देशों के सामने बड़ी चुनौती यह है कि महामारी के दौर के बाद उनके पास बहुत ज्यादा धन खर्च करने संभावना नहीं है और मौजूदा स्थितियों से सामाजिक जोखिम बढ़ रहा है।
केंद्र का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2021-22 के 6.7 प्रतिशत से घटकर चालू वित्त वर्ष में 6.4 रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि मुफ्त खाद्यान्न योजना और उर्वरक सब्सिडी में बढ़ोतरी को देखते हुए इस अनुमान पर भी दबाव है।
मूडीज ने कहा है, ‘घरेलू खाद्य की कीमतें बढ़ने की भरपाई करने की सरकार पर या सरकारी जिंस कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इनमें से कुछ  अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय समेकन सुस्त रह सकता है,क्योंकि व्यय करने का दबाव बना हुआ है।’
कृषि सब्सिडी को लेकर मूडीज ने कहा कि भारत में किसानों पर नेगेटिव सब्सिडी है।

First Published - July 20, 2022 | 1:06 AM IST

संबंधित पोस्ट