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वित्त वर्ष 21 में मुद्रा ऋण में 20 प्रतिशत की कमी

Last Updated- December 12, 2022 | 6:11 AM IST

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत छोटे कारोबारियों व उद्यमियों को दिया जाने वाला कर्ज वित्त वर्ष 2020-21 में 20.5 प्रतिशत घटकर 2.7 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इसकी प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी के कारण कारोबारी गतिविधियों में सुस्ती है। वित्त वर्ष 20 में 3.4 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 19 में 3.2 लाख करोड़ रुपये ऋण मुद्रा योजना के तहत दिए गए थे।  वित्त मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक 19 मार्च, 2021 तक इस योजना के तहत 4.2 करोड़ लोगों को 2.7 लाख करोड़ रुपये ऋण दिया गया।
पीएमएमवाई योजना 2015 में शुरू की गई थी, जिसके तहत गैर कॉर्पोरेट, गैर कृषि लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक कर्ज दिया जाता है। वित्त वर्ष 21 में करीब 88 प्रतिशत कर्ज 50,000 रुपये तक का दिया गया, जो शिशु श्रेणी में आता है।
करीब 24 प्रतिसत कर्ज नए उद्यमियों को दिए गए, जबकि 68 प्रतिशत कर्ज महिला उद्यमियों को दिया गया है। इस योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज को 3 श्रेणियों में बांटा गया है। शिशु के तहत 50,000 रुपये तक, किशोर योजना के तहत 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक और तरुण के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये कर्ज दिया जाता है। वित्त वर्ष 21 में जारी कर्ज का औसत आकार करीब 52,000 रुपये रहा है।
एनपीए से चिंता
बयान में कहा गया है कि इस योजना के शुरू होने के बाद से करीब 28.7 करोड़ लोगों को 14.9 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया गया है। महामारी के कारण अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है और इसकी वजह से लॉकडाउन से तमाम छोटी कारोबारी इकाइयां बंद हो रही हैं, जिसकी वजह से इस योजना के तहत गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) बढऩे का खतरा हो गया है।
2019-20 में इस योजना में 2.56 प्रतिशत एनपीए था, जबकि  एक साल पहले 2.51 प्रतिशत एनपीए था। हाल में एनपीए की मात्रा के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है। 31 मार्च, 2020 तक पीएमएमवाई के तहत सरकारकी बैंकों का एनपीए 18,836 करोड़ रुपये था, जबकि कुल 3.82 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया गया था।

First Published - April 7, 2021 | 11:37 PM IST

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