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ज्यादा ग्राहक आय बढऩे की गारंटी नहीं

Last Updated- December 12, 2022 | 4:07 AM IST

बीएस बातचीत
देश की सबसे बड़ी और सबसे मुनाफेदार विशुद्घ ब्रोकरेज कंपनी खड़ी करने के बाद जीरोधा के संस्थापक एवं सीईओ नितिन कामत को कंपनी के निवेशकों से भी जूझना पड़ा, जो कंपनी में हिस्सा चाहते थे। उनकी समी मोडक के साथ बातचीत के अंश:
क्या पिछले साल ब्रोकरेज उद्योग को बाजार में ऐसी उछाल आने का अनुमान था?
जब पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की गई तो अपनी आंतरिक बैठक में हमने यही बात की कि पूरे साल कम खर्च करना है। उसके बाद एकाएक बाढ़ आ गई। मुझे नहीं लगता कि पिछले साल जो भी हुआ, उसका अंदाजा किसी को भी था। हर कोई बेखबर था। हम किस्मत वाले थे कि लॉकडाउन से पहले ही हमने क्षमता बढ़ा ली थी। अन्य ब्रोकरेज ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि सर्वर खरीदने, लीज लाइन लेने में काफी लंबा वक्त लग जाता है। लेकिन ब्रोकरेज के लिए स्थितियां ज्यादा खराब नहीं रहीं और बड़े ब्रोकरों का कारोबार एकाध-दिन ही ठप रहा होगा।

पिछले साल करीब 5 करोड़ नए डीमैट खाते खुले। इनमें जीरोधा के हिस्से कितने आए?
हमने 30 लाख से ज्यादा नए ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा, जो बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से 10 से 12 फीसदी रहा होगा।

आंकड़ा कम नहीं लगता?
हम ग्राहकों को कैशबैक या मुफ्त उपहार नहीं देते। ट्रेडिंग गंभीर कारोबार है और ट्रेडिंग या निवेश के लिए लोगों को कैशबैक से लुभाना सही नहीं है। अगर हम खाता खोलने का शुल्क माफ कर दें या कैशबैक दें तो संभव है कि हमें भी बड़ी बाजार हिस्सेदारी मिल सकती है। लेकिन ऐसे ग्राहकों की भीड़ बढ़ाना सही नहीं होगा, जो गंभीर नहीं हैं। इससे अनुपालन आदि में दिक्कत होती है और हो सकता है कि अंत में उनसे आपके राजस्व में खास इजाफा ही नहीं हो पाए। यह विनियमित कारोबार है और इसमें आपका एकाधिकार नहीं हो सकता है।

क्या इसीलिए आप ग्राहक जोडऩे के लिए प्रयास नहीं करते?
हमारी रणनीति पहले ही दिन से स्पष्ट है। हम केवल गंभीर ग्राहकों को ही आकर्षित करेंगे। ऐसे ग्राहक जो निवेश या ट्रेडिंग को लेकर गंभीर नहीं हैं, उन्हें जोडऩे से आपकी लागत में ही इजाफा होगा। ब्रोकरेज कारोबार में एक ग्राहक को जोडऩे की लागत 2,500 से 3,000 रुपये है। ऐसे में 10 लाख खाते खोलने पर आपको 300 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। अगर इन ग्राहकों से आय नहीं होती है तो आपको नुकसान ही होगा।

क्या लागत अब भी बड़ा कारक है?
आज हर ब्रोकर तकनीकी रूप से डिस्काउंट ब्रोकर है। हमने पहले छह साल उत्पाद और पारदर्शिता पर जोर दिया। उस समय ब्रोकर उतने पारदर्शी नहीं होते थे। बीते चार साल में बेहतरीन उत्पाद से हमें आगे निकलने में मदद मिली।

तो क्या आप निकट भविष्य में लागत बढ़ाएंगे?
पीक मार्जिन के नए नियमों से उद्योग के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ेगा। नुकसान की भरपाई के लिए लागत में थोड़ा इजाफा किया जा सकता है। लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं क्योंकि हम अच्छा कर रहे हैं। कल किसी नियमन के कारण वॉल्यूम में और कमी आई तो हम लागत बढ़ा सकते हैं। कम लागत वाले कारोबार की एक सीमा होती है। यह केवल ब्रोकरेज तक ही सीमित नहीं है बल्कि ई-कॉमर्स और विमानन के लिए भी है। पैसा कमाने के लिए आपको एक निश्चित स्तर तक विस्तार करने की जरूरत है। इस स्तर को किसी भी उद्योग में एक या दो कंपनियां ही हासिल कर पाती हैं। 20 रुपये प्रति ट्रेड की लागत में केवल 3-4 शेयर ब्रोकर ही मुनाफे में हो सकते हैं। ऐसे में हम लागत बढ़ाते हैं तो प्रतिस्पर्धी कंपनियां भी ऐसा करेंगी।

जीरोधा और उद्योग के सक्रिय ग्राहकों की संख्या कितनी है?
हमारे कुल 55 लाख ग्राहकों में से 37 लाख सक्रिय ग्राहक हैं, जो उद्योग के लिहाज से काफी कम हो सकता है। नए ब्रोकरेज के मामले में यह कुल ग्राहक आधार का 20 से 30 फीसदी हो सकता है। 80 फीसदी से ज्यादा कारोबार सक्रिय ग्राहकों से आता है। बाजार में जब उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है तो ब्रोकरेज की कारोबारी गतिविधियों में तेजी आती है और आय भी बढ़ती है। नए खाते आम तौर पर बड़े आईपीओ या बाजार में तेजी के दौरान खोले जाते हैं।

वित्त वर्ष 2021 में दमदार प्रदर्शन के बाद इस साल की वृद्धि कैसी रहेगी?
यह काफी हद तक उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा। क्या पिछले साल की तरह इस साल भी उतार-चढ़ाव दिखेगा? मेरा जवाब है नहीं। इसलिए बिक्री में एक बड़ी गिरावट दिख सकती है। जब तक बाजार में तेजी बरकरार रहेगी, अधिक से अधिक लोग खाते खुलवाने के लिए प्रेरित होंगे। राजस्व के लिहाज से यह साल पिछले साल के मुकाबले काफी हद तक स्थिर रहेगा अथवा हमें 20 से 30 फीसदी तक की गिरावट दिख सकती है।

अमेरिका में रॉबिनहुड का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर हो चुका है। आप भी बिल्कुल उसी क्षेत्र में काम करते हैं और मूल्यांकन संभवत: 2 अरब डॉलर है। क्या आपने कभी सोचा है कि मैंने अमेरिका में इसकी शुरुआत क्यों नहीं की?
हालांकि लोग ट्रेडिंग ऐप को देखते हैं लेकिन उसमें अंतर्निहित पहलू काफी जटिल हैं। उसी से गति, सामंजस्य और विस्तार करने की क्षमता आदि को ताकत मिलती है। यही कारण है कि गूगल आखिर गूगल है क्योंकि उसमें सर्च बॉक्स की दमदार ताकत अंतर्निहित है। भारत उस तकनीक के निर्माण में अमेरिका के मुकाबले कहीं अधिक जटिल है। अमेरिका में डीमैट खाते, निपटान आदि की कोई अवधारणा नहीं है। वहां यह सब आंतरिक है। ब्रोकर किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर नहीं है। लेकिन भारत में हम एक्सचेंज इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर हैं। यदि हम अमेरिका में होते तो हम इन सब से बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। यह सब सही समय पर सही जगह मौजूद होने पर निर्भर करता है। आज अमेरिका में पांच अन्य ब्रोकर ऐसे हैं जिनके प्लेटफॉर्म रॉबिनहुड से बेहतर दिखते हैं। लेकिन रॉबिनहुड का वहां होना मायने रखता है। कारोबार खड़ा करने के कई अलग-अलग पहलू होते हैं। हम भाग्यशाली हैं कि सही समय पर सही जगह यानी भारत में हैं। वे भी भाग्यशाली हैं कि सही समय पर सही जगह यानी अमेरिका में हैं।

मुझे विश्वास है कि आपको काफी पेशकश मिलनी चाहिए। आप इसके लिए क्या करते हैं?
मैं हरेक बड़े निवेशक से मिल चुका हूं। हमने उनसे कहा है कि हमें अपने कारोबार के लिए रकम की जरूरत नहीं है। आप महज इसलिए रकम नहीं जुटा सकते क्योंकि कोई आपको पैसे दे रहा है। हमें रकम की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी ग्राहकों को आकर्षित करने की लागत प्रतिस्पर्धियों की तरह नहीं है। निजी इक्विटी (पीई) के लिए बिक्री का एक अन्य मुद्दा यह है होता है कि आप कुछ रकम अलग क्यों नहीं रखते हैं। जहां तक हमारा सवाल है तो हमारी कोई बड़ी महत्त्वाकांक्षा नहीं है। हम में से कोई भी निजी विमान में उडऩा नहीं चाहता है। ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम बहुत अधिक पैसे से कर सकते हैं। यदि आप हमारे जानने वाले लोगों से पूछेंगे तो पता चलेगा कि तीन साल में कुछ भी नहीं बदला है। मैं उसी कार से चलता हूं, उसी घर में रहता हूं।

बेंगलूरु में ऐसा क्या है कि वहां के उद्यमी सादगीपसंद होते हैं?
मैं बाजार में ट्रेडिंग करता था। स्टॉक कारोबारी अधिक से अधिक कमाना चाहता है। मेरे जीवन के अपने भौतिक लक्ष्य थे। जब मैंने उन्हें हासिल कर लिया तो मुझे महसूस हुआ कि इसका कोई अंत नहीं है। हमेशा एक बेहतर घड़ी होती है, एक बेहतर कार होती है। व्यक्तिगत तौर पर मैं उस स्तर पर पहुंच चुका हूं जहां भौतिक वस्तुओं से आपको कोई संतुष्टि नहीं मिलती है। धन संचय करना एक समस्या है। इसलिए हमें धन वितरित करने और कुछ नया करने के रास्ते तलाशने की जरूरत है। यही कारण है कि हम रेनमैटर फाउंडेशन के जरिये काफी कुछ वापस दे रहे हैं। हम सभी संयोगवश कारोबारी बन गए। वास्तव में हमारा कारोबार कारोबार की तरह नहीं है।

First Published - June 1, 2021 | 10:57 PM IST

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