विभिन्न दरों में बदलाव की अटकलों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने आज विराम लगा दिया और किसी भी दर में बदलाव नहीं किया। गवर्नर डी सुब्बाराव ने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में आगे दरों में कटौती की संभावनाएं बरकरार रखी हैं।
बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर का अनुमान साढ़े सात-आठ फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया है। हालांकि, रिजर्व बैंक को महंगाई में काफी कमी आती लग रही है।
बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 3 फीसदी तक गिर सकती है।
रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें जस की तस रखी हैं। इसका मतलब यही है कि रेपो रेट यानी लेंडिंग रेट 5.5 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 5 फीसदी के स्तर पर ही बरकरार रहेंगे।
इस मामले में बैंक की ओर से इतना ही कहा गया है कि फिलहाल इन दरों में कटौती करने की जरूरत नही है लेकिन हालात पर नजर रखी जाएगी।
इस महीने की शुरुआत में बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में एक फीसदी की कटौती की थी। साथ ही सीआरआर में भी 0.5 फीसदी की कमी की गई थी।
अक्टूबर से लेकर अब तक रिजर्व बैंक चार चरणों में शॉर्ट टर्म लेडिंग रेट्स (एसएलआर) में साढ़े तीन फीसदी तक की कमी कर चुका है।
इसके अलावा बैंक ने म्युचुअल फंडों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास ऋण देने वाली कंपनियों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए उपाय भी किए हैं।
इसके चलते सितंबर तक नकदी रखने की सीमा में छूट दी गई है जबकि पहले इस सीमा की मियाद जून में ही खत्म हो रही थी।
बैंकों को एसएलआर में डेढ़ फीसदी तक की ढील दी गई है। बैंक ने ये कदम नकदी की किल्लत दूर करने के लिए ही उठाए हैं। बैंक का मानना है कि बाजार में तरलता की कमी नहीं आनी दी जाएगी।
गौरतलब है कि अक्टूबर से अब तक तरलता बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त पूंजी बाजार में डाल चुका है।
सेंसेक्स रहा बेअसर
आरबीआई के झटके को बाजार आसानी से झेल गया। हालांकि समीक्षा रिपोर्ट के फौरन बाद बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में सेंसेक्स कुछ लुढ़का, लेकिन दिन के अंत में यह 330 अंक बढ़कर 9,004.08 अंकों पर बंद हुआ।
समीक्षा में क्या है खास
चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 फीसदी और मार्च के अंत तक महंगाई दर 3 फीसदी रहने का अनुमान ।
रेपो रेट 5.5 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी और नकद आरक्षित अनुपात 5 फीसदी के पूर्वस्तर पर ।
म्युचुअल फंडों, एनबीएफसी और एचएफसी को विशेष नकदी समर्थन। मियाद जून से बढ़ाकर सितंबर तक की।
बैंक दर छह फीसदी पर, कोई बदलाव नहीं।
नकदी की किल्लत दूर करने के लिए जारी रहेंगे कदम।
बैंकों को 30 सितंबर तक विशेष पुनर्वित्तीकरण सुविधा रहेगी जारी ।
सितंबर के दूसरे पखवाड़े से अब तक बैंक ने बाजार में डाली 3,88,000 करोड़ रुपये की नकदी ।
वित्त वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की घोषणा होगी 21 अप्रैल को।