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लोग घर पर ज्यादा समय बिता रहे हैं

Last Updated- December 12, 2022 | 5:15 AM IST

साप्ताहिक आर्थिक संकेतक एक नए राष्ट्रीय लॉकडाउन की मांग के बीच आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के संकेत दे रहे हैं।  
बिजली उत्पादन में वृद्धि एक अंक से नीचे रही। कोविड-19 की ताजा लहर से पहले इसमें 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई थी। अब रोजाना करीब 4 लाख नए कोरोना मरीज देखे जा रहे हैं। पिछले साल भी उद्योगों के बंद होते ही बिजली उत्पादन बंद हो गया था। कई कंपनियों ने उत्पादन पर रोक लगाने की घोषणा की है और बिजली उत्पादन में वृद्धि तदनुसार धीमी हो गई है।
उद्योग ने कथित तौर पर महामारी को नियंत्रित करने के लिए कड़े राष्ट्रीय प्रतिबंधों की मांग की है। इस बार नई लहर के समय लोगों द्वारा घर पर रहकर बिताया गया समय, पिछले साल राष्ट्रीय लॉकडाउन की पहली शृंखला के दौरान बिताए गए समय से आगे जाता दिखाई दे रहा है। ये आंकड़े मई 2020 के बाद से फिलहाल सबसे कम दिखाई दे रहे हैं। खोज इंजन गूगल द्वारा एक समयांतराल पर जारी आंकड़ों के अनुसार, अब लोग कोरोना से पहले के समय के मुकाबले घर पर 21 प्रतिशत अधिक समय बिता रहे हैं जो लोगों की गतिशीलता की धीमी रफ्तार को दिखाता है। नवीनतम आंकड़े 28 अप्रैल के हैं।
प्रमुख शहरों में यातायात में कमी देखी गई है। मुंबई और नई दिल्ली में यातायात की भीड़ में 83 प्रतिशत की कमी आई है। ये आंकड़े अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी फर्म टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों पर आधारित हैं। जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, यातायात में कमी देखी जा रही है।  
बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन पर भी निगरानी रखता है। यह औद्योगिक गतिविधि और वाहनों से आता है। मुंबई और दिल्ली दोनों में ही इसके स्तर में गिरावट आई है। इसके, पिछले हफ्ते के आंकड़े काफी खराब थे।  
भारतीय रेलवे को पिछले साल लॉकडाउन के दौरान काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसका मतलब, इस साल देखे जा रहे आंकड़ों के लिए बेस इफेक्ट काफी कम है। इसके चलते, माल की मात्रा और भारतीय रेलवे द्वारा माल ढुलाई से होने वाले धन, दोनों में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले कोयले और कोक का परिवहन अधिक हुआ है। खनिज और अयस्क भी तेजी दर्ज करा रहे हैं और सीमेंट तथा संबंधित उत्पाद भी इसी तरह के आंकड़े प्रदर्शित कर रहे हैं।  
बिज़नेस स्टैंडर्ड इन साप्ताहिक संकेतकों को अर्थव्यवस्था की गति को समझने के लिए ट्रैक करता है। आधिकारिक मैक्रोइकनॉमिक डेटा को अक्सर एक अंतराल के साथ जारी किया जाता है। वैश्विक स्तर पर विश्लेषक इसी तरह के साप्ताहिक संकेतकों पर नजर रखते हैं। ये संकेतक महामारी के बीच जमीनी स्तर पर तेजी से बदलती स्थिति की जानकारी देते हैं।  
गूगल महामारी के दौरान देशों में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कई तरह के आंकड़ों का उपयोग करती है। गूगल के इन आंकड़ों को छोड़कर शेष सभी आंकड़े 2 मई के हैं।

First Published - May 3, 2021 | 11:20 PM IST

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