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महामारी में लोगों ने बढ़ाई घर में नकदी

Last Updated- December 14, 2022 | 10:20 PM IST

महामारी के दौरान लोगों ने घर में नकदी रखने को प्राथमिकता दी है।  डिजिटल लेनदेन बढऩे के बावजूद 9 अक्टूबर तक लोगों के पास नकदी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22.5 प्रतिशत बढ़ी है।
एक साल पहले सालाना आधार पर मुद्रा में बढ़ोतरी 13.5 प्रतिशत थी, जो सामान्यतया चुनावी साल को छोड़कर कुछ वर्षों का ट्रेंड है। 9 अक्टूबर तक लोगों के पास कुल मुद्रा 26.09 लाख करोड़ रुपये थी, जो 31 मार्च तक 23.5 लाख करोड़ रुपये थी। इससे संकेत मिलता है कि आम लोगों ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान 2.6 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त निकाले हैं।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि 9 अक्टूबर तक के पखवाड़े में लोगों के पास नकदी में 0.9 प्रतिशत या 23,959 करोड़ रुपये की बढ़़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर के पहले 15 दिन के दौरान यूपीआई से लेनदेन 1 अरब रुपये के पार पहुंच गया है और जानकारों का कहना है कि त्योहार के दौरान यह 2 अरब रुपये को पार कर सकता है।
अभी भी मझोले और छोटे शहरों में नकदी लोगों की प्राथमिकता में शामिल है और त्योहारों की मांग अभी नकदी से पूरी की जा रही है। इसकी वजह यह है कि स्थानीय दुकानदार डिजिटल भुगतान लेने को तैयार नहीं होते हैं, जिससे कर देनदारी से बचा जा सके। 

First Published - October 21, 2020 | 11:53 PM IST

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