प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से अगले पांच वर्षों में देश में 520 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का उत्पादन होगा। हालांकि उद्योग जगत के मन में संशय है और उन्होंने जानना चाहा कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए इस योजना का क्रियान्वयन कैसे होगा। प्रधानमंत्री ने उद्योग एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवद्र्धन विभाग और नीति आयोग द्वारा पीएलआई योजना पर आयोजित परिचर्चा में यह बात कही।
ऐपल, सन फार्मा और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा तथा पीएलआई योजना से लाभान्वित हुए क्षेत्रों के उद्योग संगठनों के प्रतिनधियों ने इस परिचर्चा में भाग लिया। सूत्रों ने कहा कि परिचर्चा में निवेश बढ़ाने के उपायों के साथ ही राजस्व बढ़ाने और नए रोजगार सृजन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने निर्यात बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष मार्च में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना की शुरुआत हुई थी। अब तक इस योजना की जद में 12 और क्षेत्र लाए गए हैं और यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का अहम हिस्सा बन गई है। मोदी ने कहा, ‘इस वर्ष के बजट में पीएलआई योजना के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। औसतन करीब कुल उत्पादन के 5 प्रतिशत हिस्से के लिए प्रोत्साहन दिए गए हैं। इसका मतलब हुआ कि पीएलआई योजना के जरिये भारत में 520 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का उत्पादन होने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि जिन क्षेत्रों में पीएलआई योजना का क्रियान्वयन हुआ है वहां कामगारों की तादाद लगभग दोगुनी हो जाएगी।’ मोदी ने कहा कि वाहन एवं दवा क्षेत्रों में पीएलआई योजना शुरू होने के बाद वाहन कलपुर्जों, स्वास्थ्य उपकरण और दवाओं में इस्तेमाल होने वाले तत्त्वों का आयात काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि परिधान और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पीएलआई योजना शुरू होने से पूरे कृषि क्षेत्र को लाभ पहुंचेगा।
फार्मा : मोदी ने कहा कि सरकार को पीएलआई योजना के तहत दवा क्षेत्र में अगले 5-6 वर्षों के दौरान 15,000 करोड़ रुपये निवेश आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इससे दवा क्षेत्र की बिक्री बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी और निर्यात में 2 लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा। ल्यूपिन, डॉ. रेड्डीज, सिप्ला और कैडिला हेल्थकेयर जैसी कंपनियां योजना के तहत निवेश करने की बात कह चुकी हैं।
वाहन : वाहन उद्योग ने पीलएआई योजना का लाभ उठाने के लिए निर्धारित पात्रता में ढील देने की मांग की। इस उद्योग के अनुसार पात्रता शर्तों में ढील दिए जाने से विशेषकर वाहन कलपुर्जा क्षेत्र को लाभ हो सकता है। सायम और भारतीय वाहन कल-पुर्जा विनिर्माता संघ ने पीएलआई योजना के लिए आवश्यक पात्रता में ढील देने की मांग की।
इलेक्ट्रॉनिक्स : इलेक्ट्रॉनिक के लिए अगले पांच वर्षों में 40,995 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है। आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उपकरण विनिर्माण में पीएलआई योजना से उत्पादन और घरेलू स्तर पर मूल्यवद्र्धन में काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुपालन शर्तें आसान बनाने पर काम हो रहा है।