भारत सरकार जल्द ही चीन की कंपनियों के 45 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती है। इन निवेश प्रस्तावों में चीन की प्रमुख कंपनी ग्रेट वॉल मोटर और एसएआईसी मोटर कॉर्प के प्रस्ताव भी शामिल होने की संभावना है। सरकार और उद्योग के सूत्रों ने बताया कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के मद्देनजर निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी मिल सकती है।
पिछले साल पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में चीनी सैन्य टुकड़ी के कथित घुसपैठ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में भारत द्वारा चीनी निवेश पर सख्ती बरते जाने के बाद से ही ये प्रस्ताव लंबित पड़े हैं। चीन ने सीमा पर गतिरोध के लिए भारतीय सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण चीन से 2 अरब डॉलर से अधिक के 150 निवेश प्रस्ताव अटक गए थे। इस गतिरोध के कारण हॉन्ग कॉन्ग के जरिये जापानी और अमेरिकी कंपनियों द्वारा किए जाने वाले निवेश भी प्रभावित हुआ क्योंकि सरकार इस प्रकार के निवेश प्रस्तावों की सख्ती से जांच कर रही थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दिए
जाने के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
इस सूची को देखने वाले दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि आरंभिक मंजूरी के लिए निर्धारित 45 प्रस्तावों में से अधिकतर विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से इस क्षेत्र को अधिक संवेदनशील नहीं माना जाता है। सूत्रों ने इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन इस मामले से अवगत दो अन्य सरकारी सूत्रों और दो उद्योग सूत्रों ने कहा कि इस सूची में ग्रेट वॉल और एसएआईसी के प्रस्ताव भी शामिल हो सकते हैं।
ग्रेट वाल और जनरल मोटर्स (जीएम) ने पिछले साल एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया था। इसके तहत भारत में अमेरिकी वाहन कंपनी के कार विनिर्माण संयंत्र को खरीदने के लिए चीन की वाहन कंपनी की सहमति का उल्लेख किया गया था। इस सौदे का आकार 25 से 30 करोड़ डॉलर होने की उम्मीद है। ग्रेट वॉल अगले कुछ वर्षों के दौरान भारत में 1 अरब डॉलर के निवेश की योजना बना रही है। उसने पहले कहा था कि भारत में कारोबार स्थापित करना उसकी वैश्विक रणनीति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। उसने इसी साल से भारत में कारों की बिक्री शुरू करने की योजना बनाई थी और वह इलेक्ट्रिक वाहन लाने की भी तैयारी कर रही थी।
ग्रेट वाल ने कहा कि वह निवेश को मंजूरी और अन्य आवश्यक मंजूरियां हासिल करने की कोशिश लगातार कर रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें सभी आवश्यक मंजूरी दी जानी चाहिए। हम भारत सरकार के सभी कानूनों और नियमों का अनुपालन करते हुए अपने काम को आगे बढ़ाएंगे।’
जीएम के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस लेनदेन का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक मंजूरियां हासिल करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।’
एसएआईसी ने ब्रिटेन के अपने ब्रांड एमजी मोटर के तहत 2019 में भारत में कारों की बिक्री शुरू की थी। कंपनी ने देश में करीब 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और करीब 65 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी को अधिक निवेश के लिए सरकार से मंजूरी हासिल करने की जरूरत होगी।
एसएआईसी की भारतीय इकाई ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।